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Sidhi news:नेशनल हाईवे के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:डामरीकरण में इमल्शन की जगह पानी का उपयोग

Sidhi news:नेशनल हाइवे क्रमांक 39 सोधी-सिंगरौली के निर्माण में लगी कंपनी द्वारा सभी मापदंडों को दरकिनार कर घटिया निर्माण कराया जा रहा है। बहरी के समीप चल रहे डामरीकरण के कार्य में इमल्शन की जगह पानी का उपयोग किया जा रहा है। जिससे सडक में डामरीकरण काफी कमजोर एवं घटिया हो रहा है। यहां इमल्शन थिकनेस में भी हेराफेरी की जा रही है।

Sidhi news:जिसके चलते डामर की क्वालिटी काफी कमजोर है। बताते चलें कि एमपीआरडीसी द्वारा फोर लेन सडक निर्माण की जिम्मेदारी टीबीसीएल कंपनी को सौंपी गई.है। कंपनी द्वारा सीधी जिले में फोर लेन सड़क के निर्माण में आरंभ से ही काफी मनमानी की जा रही है। हैरत की बात तो यह है कि एमपीआरडीसी के अधिकारियों को सडक निर्माण के चल रहे कार्य के दौरान मौके पर आकर निगरानी एवं निरीक्षण करना चाहिए।

फिर भी कंपनी के जिम्मे ही समूचा काम छौंड़ दिया गया है। कंपनी के मनमानी चल रहे कार्यों का निरीक्षण न किए जाने के कारण आरंभ से ही पटिया कार्य कराने का सिलसिला शुरू किया गया है। जिला मुख्यालय के समीप से शुरू हुए कार्य का जायजा लिया जाए तो कंपनी द्वारा हाल ही में कराए गए कई स्थानों पर सड़क के कार्य की गुणवत्ता काफी न्यून नजर आ रही है। डामरीकरण का कार्य जहां कराया गया है वहां कई स्थानों पर सडक उखड़ना भी शुरू हो चुकी है।

Sidhi news:डामरीकरण के बाद कितनी जल्दी सडक़ की गिट्टी कई स्थानों पर बाहर निकल चुकी है। बहरी के समीप वर्तमान में कंपनी द्वारा कार्य कराया जा रहा है। जिसमें मनमानी काफी चरम पर है। कंपनी द्वारा सडक निर्माण के लिए जिस गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है उसकी क्वालिटी भी काफी न्यून है। जबकि नेशनल हाइवे के फोर लेन सड़क निर्माण में गुणवत्तायुक्त सामग्री का उपयोग होना चाहिए।सडक में भारी वाहनों का दबाव बना रहता है। यदि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता सही नहीं होगी तो कुछ महीने के अंदर ही इनका उखड़ना निश्चित है। उस दौरान हो-हल्ला मचने पर एमपीआरडीसी के अधिकारी आनन-फानन में सडक पर अलग से पट्टी लगवाकर घटिया निर्माण पर पर्दा डालने के लिए सक्रिय हो जाते हैं।

पहाड़ों से पत्थर निकालकर बनाई जा रही गिट्टी

Sidhi news:नेशनल हाइवे क्रमांक 39 सीधी सिंगरौली फोर लेन सड़क का निर्माण करीब एक दशक से चल रहा है। घटिया निर्माण के चलते सड़क का निर्माण जहां भी हो रहा है वह कुछ महीने के अंदर ही जर्जर होना शुरू हो जाता है। सड़क का निर्माण कार्य कब तक में पूर्ण हो पाएगा इसको लेकर एम पी आर डी सी के अधिकारी गोलमाल जवाब हमेंशा से देते रहे हैं। सडक निर्माण में कई एजेंसियां बदल चुकी हैं फिर भी सडक का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो रहा है। वर्तमान में टीबीसीएल कंपनी द्वारा काफी मनमानी के साथ सडक का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

Sidhi news:कंपनी द्वारा सडक निर्माण के लिए जगह-जगह केशर अपने कैंप में लगाए गए हैं। केशर में गिट्टी बनाने के लिए आसपास के पहाड़ों से पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। कंपनी द्वारा मनमानी तौर पर निकाले जा रहे पत्थरों के लिए सक्षम अनुमति भी नहीं ली गई है। फिर भी जिम्मेदार विभागों के अधिकारी सांठ-गांठ के चलते इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि फोर लेन सडक निर्माण के लिए गुणवत्तायुक्त गिट्टी का उपयोग होना चाहिए।

फिर भी कंपनी द्वारा ऐसे पत्थरों से गिट्टी बनाई जा रही है जो कि गुणवत्ता के मामले में काफी कमजोर हैं। गिट्टी एवं डामर की क्वालिटी सही न होने के कारण डामरीकरण का स्तर भी काफी न्यून है। वहीं जिन स्थानों में कंक्रीट सड़क बनाई गई है उसमें भी लोहे की सरिया एवं सीमेंट की मात्रा कमजोर है।

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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