Sidhi news:एक तरफ तहसील क्षेत्र मझौली अंतर्गत कई ग्रामों में नल जल योजना के तहत पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पाइपलाइन का कार्य कराया जा रहा है। जहां ग्रामीणों को यह तो नहीं पता कि पानी कब तक में मिलेगा लेकिन ठेकेदार के मनमानी से सड़कें जरूर बबांद हो रही हैं और आए दिन ग्रामीण आवा गबन के लिए परेशान हो रहे हैं।
Sidhi news:ग्रामीणों के मुताबिक ठेकेदार के द्वारा सड़क की पटरी को जेसीबी मशीन से खुदाई कर दी जाती है और खुदाई से निकली मिट्टी पत्थर सड़क में बेतरतीब रख दिया जाता है जिससे आवा गबन प्रभावित होता है। वहीं पाइप फिटिंग के बाद खुदी नाली को बराबर समतल नहीं किया जाता है। जिस कारण सड़क की पटरी तमाम गढ़ों में तब्दील हो चुकी हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रही है इतना ही नहीं अगर ग्रामीण मुखर होकर पाइपलाइन में काम करने वाले कर्मचारियों से बात करते हैं तो उनकी बात को अनसुनी कर दी जाती है अथवा धमकी भी दी जाती है। इतना नहीं ग्रामीण स्थानीय प्रशासन को भी जानकारी देते हैं और शिकायत करते हैं लेकिन पाइपलाइन के ठेकेदार के आगे है। प्रशासन भी बौना साबित हो रहा है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि तहसील क्षेत्र मझौली के लाखों लोगों के हितों की परवाह किए बिना ठेकेदार मनमानी कर रहा है जिसे कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण मिला है अन्यथा ग्रामीण शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करातेहैं फिर भी ना तो कोई सुधार हो रहा है और ना ही मनमानी में अंकुश लग रहा है।
ठेकेदार की मनमानी से ग्रामीणों को हो रही दिक्कतें
Sidhi news:ठेकेदार के मनमानी का ताजा मामला देवई चोरवा मार्ग में देखा जा सकता है जहां चोरवा, देवई से सैकड़ो की तादात में छात्र-छात्राएं हाई स्कूल चोरवा एवंहायर सेकेंडरी स्कूल खड़ौरा पड़ने आते है जिन्हें काफी परेशानी होती है क्योंकि पाइपलाइन के कार्य से पूरे सड़क में मिट्टी रख दी गई है जिससे सूखे में तमाम धूल उड़ती है। वहीं बरसात में कीचड़ होने लगता है। इतना ही नहीं दोनों ग्रामों के लोगों को तहसील मुख्यालय एवं खरीदी के लिए मझौली में आना-जाना होता है जिन्हें अपने गांव के सड़क में ही आने- जाने में काफी परेशानी होती है।
ग्रामीणों की समस्या पर जन प्रतिनिधि गंभीर नहींः संतोष
Sidhi news:इस संबंध में डॉ. संतोष तिवारी सामाजिक कार्यकर्ता निवासी देवई ने कहा कि कहने को भले ही लोकतंत्र है लेकिन ना तो लोगों में उस तरह आत्मविश्वास है और ना ही प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों में जनतंत्र का भाव है, बल्कि खुद को शासक मान बैठे हैं यही वजह है कि ग्रामीणों के समस्या पर ना तो जन प्रतिनिधि गंभीर हैं और ना ही प्रशासन गंभीर है इसलिए नल जल योजना के ठेकेदार की मनमानी जारी है ऐसे में जवाबदेही तय होनी चाहिए अन्यथा इस व्यवस्था में और जंगल राज में कोई अंतर नहीं रहेगा।