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Sidhi news: सहकार ग्लोबल कंपनी की जी हुजूरी करने लगे रेत माफिया

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news: अब पेटी कांट्रेक्टर बतौर रेत उठाव के लिए अधिकतर लोग कर रहे पैरवी

संवाददाता अविनय शुक्ला 

Sidhi news: जिले के रेत खदानों में भाजपा सहित कुछ नेताओं की कोशिशें रहीं लेकिन सफलता अर्जित नहीं हो पाई। जिस वह से मुंबई के सहकार ग्लोबल को रेत का खदान सीधी जिले में मिला है। इसके पहले भी वह सिंगरौली एवं शहडोल में रेत खदान संचालित कर रहा था। इसके साथ ही टोल प्लाजा भी उन्हीं के मार्फत चल रहा है। ऐसे में अब कुछ नेता एवं उनके करीबी इन कोशिशों में लगे हैं कि हमें पेटी काट्रेक्टर बतौर कुछ खदानों में वाहनों के संचालन सहित हिस्सेदारी हॉसिल हो जाए।

Sidhi news: मालूम हो कि सहकार ग्लोबल बड़ी कंपनी है, प्रशासन के हस्तक्षेप इन पर भी मानी जा सकती है। जिस वजह से तमाम नेताओं ने कसरतें किया लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई। सीधी जिले के जाने-माने कुछ नेता भी जोर आजमाइश किए थे परंतु सहकार ग्लोबल को ही ठेका रेत के लिए मिला है। जब सफलता हीं मिली तो अबनेताओं के करीबी लोग यह चाह रहे हैं कि हमें रेत खदानों में हिस्सेदारी मिल जाए। कुछ लोग वाहनों के लिए तो कुछ हिस्सेदारी बनकर काम करने की जुगाड़में लगे हुए हैं। ऐसे में किसे सफलता मिलती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा परंतु जिले के सांसद-विधायक सहित अन्य नेताओं की दाल रेत मामले में ही गली है। प्रदेश सरकार के हिसाब से भले ही टेंडर प्रक्रिया ऑनलाईन हुई है परंतु कुछ न कुछ सरकार भी हांथ रहा होगा जिस वजह से सहकार ग्लोबल को रेत का ठेका मिला है।

इस बार सबसे महंगी बिक सकती है रेत

Sidhi news: सीधी में रेत का खदान काफी है। लेकिन सीधी का रेत अब महंगा बिकेगा। कारण है यह है कि जिन सविदाकार ने इनमें जाहिर है कि वह महंगे रेट पर ही रेत की विक्री करेंगे। जिससे आम जनता को माहगे दर पर रेत खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सरकार को राजस्व मामले में जरूरत फायदा हुआ है लेकिन आमा जनता के लिए रेत लेना एक टेढ़ी खीर होना माना जा सकता है।

जिले के 18 खदानों में रेत का होना है संचालन

Sidhi news: सीधी जिले के 18 खदानों में रेत का संचालन होना है। जिसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिसमें कि सहकार ग्लोबला द्वारा पूरी प्रक्रिया बनाई जा रही है। जिन्होने 83 करोड़ 83 लाख रुपए का टेंडर लेकर एक बड़ा झटका अन्य लोगों को दिया है अब यह रेल का खदान कैसे संचालित कर पाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताए‌गा परंतु जिले के कुछ लोग उन संविदाकार की पैरवी कर रहे हैं कि कहीं हमें भी स्थान मिल जाए।

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