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Sidhi news:महुअरिया पंचायत में बाड़े के नाम पर सरपंच-सचिव कर रहे फर्जीवाड़ा

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:सीधी जिले के जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र महुअरिया के ग्राम आमडीहा में पंचायत द्वारा वर्तमान विधायक एवं जिला सीईओ के आदेश के बाद मवेशियों के लिए संचालित हो रहे बाड़े में मवेशियों को खाने के लिए बारे भूसे का कोई इंतजाम पिछले 5 महीने से नहीं किया गया है और ना ही काम कर रहे दो मजदूरों को हर महीने मजदूरी पंचायत द्वारा दी जा रही है वहीं दोनों मजदूरो का कहना है कि हम लोगों के द्वारा पिछले 5 महीने से मवेशियों को सुबह से शाम तक जगल में चराया जाता है और रात को ता कर बाड़े में बेड़ दिया जाता है लेकिन इन्हें खाने के लिए 5 महोने से पंचायत द्वारा भूसे एवं चारे की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड का मौसम है कल बारिश भी हो रही थी जिसके वजह से दो मवेशियों की ठंड एवं भूख के कारण मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद भी उन्हें पंचायत द्वारा नहीं हटाया गया। हम लोगों ने स्वयं उठाकर के मृतक मवेशियों को हटाया है। मवेशियों के लिए संचालित हो रहे बाड़े में काम करने के लिए पंचायत द्वारा हमें 9000 महीने में रखा गया था लेकिन दो महीने की मजदूरी 6000 के हिसाब से 12000 पंचायत द्वारा दी गई है। 3 महीने से हमें कोई मजदूरी नहीं दी गई है। जिस्स्से परिवार चलाने में काफी समस्या हो रही है। जब हम लोगों के द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच से मजदूरी मागी जाती है।

Sidhi news:तो उनके द्वारा कहा जाता है कि अभी समय लगेगा अभी बजट नहीं है। बजट आएगा तो तुम सक्की मजदूरी दिया जाएगा। जबकि विधायक जी बोले थे कि सभी मजदूरों को 300 रुपए के हिसाब से उन्हें मजदूरी देनी है लेकिन हमें पंचायत द्वारा 6000 ही दिया जा रहा है और पंचायत खाते से हम लोगों के नाम पर 9000 रुपए की राशि निकाली जाती है।

मेरी भी मजदूरी पंचायत द्वारा नहीं दी गईः कन्हई

Sidhi news:इस संबंध में कन्हई यादव ने कहा कि में ग्राम पंचायत अमडिशा का निवासी हूं और इसी पंचायत में बने पंचायत द्वारा संचालित हो रहे गोवंश के लिए बाड़े में देखरेख एवं चरवाहे का काम करता हूं। मुझे 9000 रुपए महीने के हिसाव से पंचायत सरपंच द्वारा रखा गया है लेकिन 5 महीने से सिर्फ दो महीने का मजदूरी 6000 के हिसाब से मिली है। जिससे हमारे परिवार को चलाना मुश्किल हो रहा है और ना ही पंचायत के द्वारा गायों के लिए चार-भूसा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कलेक्टर से कहना चाहूंगा की गायों के लिए भूसा एवं पिअग की व्यवस्था एवं गायों को छांया की व्यवस्था करवाई जाय और मेरी मजदूरी समय-समय पर पूरी दिलवाने की क्या करे।

बाड़े में गायों के लिए खाने-पीने की नहीं है व्यवस्थाः कैलाश

Sidhi news:इस संबंध में कैलाश बसल ने कहा कि में बाड़े में देखरेख एवं गामों को चराने का काम करता हूं। ग्राम पंचायत द्वारा १००० रुपए महीने की मजदूरी में रखा गया था, लेकिन 5 महीने से देखरेख एवं गाय चराने का काम कर रहा हूं। दो महीने का 6000 रुपय के हिसाब 12000 रुपए मजदूरी मिली है। बाकी मजदूरी अभी तक नहीं मिली है और बाड़े में रह रहे गायों के लिए खाने-पीने की कोई व्यवस्था नाहीं करवाई गई है ना भूसे की कोई इंतजाम पंचायत के द्वारा पिछले 5 महीने से किए गएहैं। बाड़े में छाया न होने के कारण और खाने की कोई व्यवस्था न होने के कारण गायों को ठंह और भूख से मृत्यु हो गई।

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Manoj Shukla

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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