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Sidhi news:बड़े कोयला माफियाओं पर हांथ नही डाल पा रहे साहब

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:दो व्यापारियों के निरस्त किये गए लायसेंस, यूनाईटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर, भारत मिनिरल्स एवं साहिल ट्रेडर्स पर नोटिस तक सीमित रही कार्रवाई

Sidhi news:जिले में कोयले का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है, यहां प्रतिदिन दर्जनों ट्रक अवैध कोयला लोड कर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सीधे डंपिग याडों में पहुंचाया जा रहा है। इसकी भनक जब कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी को लगी तो खनिज अधिकारी को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था जिस पर खनिज अधिकारी ने कोरमपूर्ति के लिए 6 कोयला संचालकों के खिलाफ नोटिस जारी की थी जिसके बाद हाल ही में राममूरति कोल पिता राजमणि कोल निवासी छुहिया पोस्ट खुटेली तहसील बहरी एवं मयंक सिंह बघेल पिता प्रदीप सिंह बघेल निवासी चदैनिया तहसील चुरहट को का लायसेंस निरस्त कर दिया गया है जबकि बड़े फर्मों पर कार्रवाई करने पसीने छूट रहे है।

Sidhi news:खनिज विभाग द्वारा 23 जनवरी की स्थिति में 46 लोगों को कोयला भंडारण की अनुमति प्रदान की गई है जबकि दर्जनों यार्ड बिना अनुमति के संचालित हो रहे है। विगत माह 6 संचालकों को नोटिस जारी की गई है थी जो खनिज अधिकारी को सवालों के घेरे में रही है। जिले में खनिजअधिकारी की सांठ-गांठ से कोयला संचालकों द्वारा राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कोयला के अवैध कारोबार में कुछ रसूखदारों के भी नाम सामने आ रहे हैं। कोयला का अवैधकारोबार वर्षों से संचालित है। इसकी जानकारी राजस्व व माइनिंग विभाग को भी है, लेकिन इस पर रोक लगाने सार्थक पहल नहीं की गई। कोयला का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। वही चंद सिक्को की खनक केआगे लोग अपना इमान और इमानदारी दोनों को ताक पर रख काली कमाई में लागे हुए है जहा पर पैसो और आधुनिकता की होड़ दिखाने के चक्कर में लोग शासन को प्रति माह लाखों रूपए का चूना लगा रहे। लंबे समय से चल रहे इस अवैधकारोबार में खनिज विभाग, राजस्व व खाकी वर्दी के लोग भी उन्हें संरक्षण देते हुए रोजाना अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। सेटिंग के इस खेल में कोयला तस्कर का गैंग इतना मजबूत है कि वे दिन हो या रात बड़े आराम से अवैध कोयला खदानों सेअपने वाहन न केवल निकालते हैं बल्कि डंपिग तक पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं। सरकार के ही कुछ समर्थक कोयला तस्करों के साथ मिलकर तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं और जगह-जगह अवैध कोयला उत्खनन का कारोबार इतना फैल गया है कि इन्हें रोक पाना शायद अब प्रशासन के हाथ में नहीं रहा। थानों के साथ-साथ तहसील कार्यालयों में बैठे अधिकारियों और वहां स्थित वन विभाग के कार्यालयों में भी है पर कार्रवाई नहीं करने के नाम पर मिलने वाली रकम के अलावा वे सीधा समर्थन कोयला तस्करों को ही कर रहे हैं। नही मेंटेन है आवक-

Sidhi news:जावक रजिस्टर / कोयला संचालकों द्वारा आवक व जावक रजिस्टर मेंटेन करके नहीं रखा गया है। कोयला संचालकों द्वारा दो नंबर का कोयला सिंगरौली जिले से आ रहा है और यहां से कोयला उत्तर प्रदेश के जिलों में भेज दिया जाता है जिसका कोई स्टाक मेंटेन नही किया जा रहा है और न ही किसी फर्म के पास किसी भी प्रकार की एनओसी है बावजूद इसके इनका संचालन घड़ल्ले से किया जा रहा है।

हर बार जारी होती है नोटिस खनिज अधिकारी को

Sidhi news:जबसे सीधी जिले का प्रभार मिला है तबसे कोयला संचालकों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा जाता है लेकिन हर बार कार्रवाईयों से मुक्त कर दिया जाता है। विधानसभा चुनाव के पूर्व भी खनिज अधिकारी द्वारा नोटिस जारी करने की बात कही गई थी फिर उसके बाद विधानसभा चुनाव के बाद भी नोटिस जारी करने की बात कही गई थी। वहीं सूत्रों द्वारा बताया गया कि जो संचालक खनिज आफिस नहीं पहुंचता है तो उसे बुलाने के लिए नोटिस का सहारा लिया जाता है।

बड़े फर्मों पर हांथ नहीं डाल पाये साहब

Sidhi news:जिले में सभी नियमों को ताक में रखकर यूनाईटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर, भारत मिनिरल्स एवं साहिल ट्रेडर्स का संचालन किया जा रहा है लेकिन इन फर्मों पर सिर्फ नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की हिम्मत खनिज विभाग नहीं जुटा सका है जिससे कार्रवाईयों पर अब सवाल खड़े होने लगे है। यूनाईटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर का संचालन कथित रूप से किसी सक्सेना द्वारा किया जा रहा है इस फर्म की पड़ताल भी की गई थी जहां पर कोई भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा था बावजूद इनको सिर्फ नोटिस जारी कर वाहवाही लूटी गई है। इसी तरह मे. साहिल ट्रेडर्स प्रो. आयुष सिंह के नाम नोटिस जारी कर कोरम पूर्ति कर ली गई है।

दो नंबर के पहुंच रहे वाहन

Sidhi news:कोयला तस्कर जिला प्रशासन को ही नहीं बल्कि राज्य सरकार को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रोजाना अवैध कोयले से लदी 10 से 15 से भी अधिक गाडियां अलग-अलग जगहों से निकलती है और यह कोयला ईंटा भट्टो के अलावा कई उद्योगों में खपाकर प्रतिदिन लाखों रुपए की कमाई की जाती है। जिसमें से हिस्सा का बंटवारा होनें से इसे पी झंडी सेटिंग वाले अधिकारी दे रहे हैं। एक जानकारी के अनुसार कुछ सफेदपोश लोग भी अपनी फिक्स रकम लेने के चलते इस कारोबार में पूरा सहयोग दे रहे हैं चूंकि कोयला तस्कर सीधे- सीधे अपनी काली कमाई में से उनको हिस्सेदार बनाने में नहीं चुक रहे हैं।

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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