Sidhi news: मुख्यालय पर नहीं रहते सचिव और सहायक सचिव, गांव विकास के कार्य हो रहे प्रभाव
संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)
Sidhi news: ग्राम पंचायत सचिवों का ग्रामीण क्षेत्रों से मोहभंग होता जा रहा है, वह मुख्यालय पर निवास न कर शहरों से आना-जाना करते हैं, वह भी सप्ताह में चंद दिन, ऐसे में ग्राम पंचायत के ग्रामीण सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए परेशान हो रहे हैं। मामला सभी ब्लॉक पंचायतो का है, जहां सचिव और सहायक सचिव कभी कभी पंचायत पहुंचते हैं और जैसे-तैसे अपना काम निपटाकर लौट जाते हैं। यही वजह है कि यहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से लंबे समय से वचित है। समस्या लेकर पंचायत पहुंचने पर ग्रामीणों को कोई भी जिम्मेदार नहीं मिलते हैं। आदिवासी बहुल इलाकों के ग्रामीणो ने बताया कि पंचायत सचिव मुख्यालय पर रहते ही नहीं है। कभी कभार आते हैं और मुंह दिखाकर चले जाते हैं। इससे ग्राम के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
Sidhi news: ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतों में अमृत सरोवर में तालाब के गहरी करण का कार्य किया गया। इसका काम भी मानक मापदंड के अनुसार नहीं हो रहा। इसके अलावा पंचायत द्वारा कराए जा रहे अन्य कार्यों के भी यही हालात है। न तो गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है और न ही ग्रामीणों को मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी दी जा रही है। इससे ग्रामीणों को मजबूरन में रोजगार के अन्य विकल्प तलाशने पड़ रहे है।
Sidhi news: नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ सचिव और सहायक सचिव के मुख्यालय पर नहीं रहने के कारण पंचायत में अक्सर ताला लटका मिलता है। पंचायत के जिम्मेदार कब आते हैं और कब चले जाते हैं ग्रामीणों को इसकी जानकारी तक नहीं लगती। इसके कारण ग्रामीणों को सरकार द्वारा चलाई जा रहीं कई जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी तक नहीं रहती। ग्रामीण मजदूरी, वृद्धा पेंशन, पीएम आवास सहित अन्य लाभ से वंचित होते जा रहे पंचायत भवन है। ग्राम में नियमित काम नहीं हो रहे हैं। योजनाएं भगवान भरोसे चल रही हैं।
Sidhi news: जनपद तहसील के काट रहे चक्कर ग्रामीणों को जाति-स्थाई प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करवाने परेशान होना पड़ रहा है। समाजसेवी राजू सिंह डेम्हा ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायतो में अधिकांश काम सचिव-सहायक सचिव की मनमानी पर चलते हैं। पंचायत अंतर्गत आने वाले गांवों में जिस तेजी से विकास होना था, नहीं हो रहा है। हालात यह हैं कि लोग सफाई से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, लेकिन अपनी समस्या किसे सुनाएं।