Sidhi news:मध्य प्रदेश के सीधी जिले स्थित सोन घड़ियाल अभ्यारण जोगदह में वन्यजीव संरक्षण की एक नई मिसाल सामने आई है। यहां पांच मादा घड़ियालों से 132 बच्चों का जन्म हुआ है, जिससे न सिर्फ अभ्यारण क्षेत्र गुलजार हो उठा है बल्कि वन विभाग और स्थानीय लोगों में भी खुशी की लहर है। यह पहली बार है जब सोन घड़ियाल अभ्यारण में इतनी बड़ी संख्या में घड़ियालों के बच्चे जन्मे हैं।
इस अभ्यारण की स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी, जहां शुरू में मगर और घड़ियाल लाकर बसाए गए थे। शुरुआती सफलता के बाद घड़ियालों की संख्या में गिरावट एक बड़ी चुनौती बन गई थी। वर्ष 2021 में दो नर घड़ियालों की मृत्यु के बाद यहां नर घड़ियालों की संख्या लगभग शून्य हो गई थी। लेकिन बाद में चंबल से लाए गए एक नर घड़ियाल के प्रयासों से यह उपलब्धि संभव हो सकी।
Sidhi news:हालांकि घड़ियालों के संरक्षण में अब भी कई चुनौतियां हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जन्म के बाद केवल दो प्रतिशत बच्चे ही जीवित रह पाते हैं, और हैचरी सुविधा न होने से यह चुनौती और गंभीर हो जाती है। सोन घड़ियाल अभ्यारण में अभी हैचरी की सुविधा नहीं है, लेकिन विभाग ने इसे जल्द शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि बच्चों की सुरक्षा और पालन-पोषण बेहतर तरीके से हो सके।
वर्तमान में अभ्यारण में 38 वयस्क घड़ियाल, 74 मगरमच्छ, 41 स्कीमर और 49 प्रजातियों के 4015 पक्षी दर्ज किए गए हैं। बच्चों को छोड़कर 38 घड़ियालों की संख्या दर्ज की गई है क्योंकि कम उम्र में नर और मादा की पहचान कर पाना कठिन होता है।
Sidhi news:एक नर घड़ियाल जो पानी के बहाव में बिहार पहुंच गया था, अब तक वापस नहीं लाया जा सका है, जबकि उसकी लोकेशन ट्रैक की जा चुकी है। मध्य प्रदेश सरकार ने कई बार प्रयास किए, लेकिन बिहार सरकार से उसे वापस लाने की अनुमति नहीं मिली।
वन विभाग के डीएफओ राजेश कन्ना टी ने कहा कि आने वाले समय में और नर घड़ियाल लाकर उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी और हैचरी की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे सोन घड़ियाल अभ्यारण देश में घड़ियाल संरक्षण का प्रमुख केंद्र बन सके।