Sidhi news:दुधमुंहे बच्चों को घर में छोड़ने पर मजबूर वर्किंग मदर्स, दफ्तरों में पालनाघर नहीं
Sidhi news:सरकार के तमाम दावों के बावजूद शहर में कामकाजी महिलाओं के लिए प्रारम्भिक व आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। शहर में बहुत बड़ी संख्या वर्किंग मदर्स की है। लेकिन, हैरान करने वाली बात है कि इन महिलाओं के दुधमुंहे बच्चों के लिए इनके कार्यस्थलों में शहर के किसी सरकारी दफ्तर में पालनाघर की कोई व्यवस्था नहीं है। नौनिहालों को घर में छोड़कर आना इनकी मजबूरी है।
बाहरी महिलाओं को दिक्कत
Sidhi news:स्थानीय निवासी कामकाजी महिलाएं घर में परिजन के हवाले बच्चों को छोड़कर काम पर जाती हैं। इस वजह से उन्हें विशेष परेशानी नहीं उठानी पड़ती। लेकिन, उन माताओं के लिए यह समस्या बडी है जो बाहर से आकर सीधी में कार्यरत हैं। उन्हें अपने बच्चों की देखभाल के लिए सवैतनिक केयर टेकर महिला रखनी पड़ती है। इसके बावजूद बच्चों की देखभाल मनमुताबिक नहीं हो पाती। कलेक्ट्रेट में कार्यरत महिलाकर्मी ने बताया कि पालनाघर नहीं होने की वजह से उन्हें एक साल के बच्चे को आया कि भरोसे छोड़ कर आना पड़ रहा है।
बच्चों का विकास प्रभावित
Sidhi news:कामकाजी महिलाओं का कहना है कि पांच वर्ष तक के छोटे बच्चों को कार्यस्थल के आसपास उचित देखभाल के उद्देश्य से पालनाघर की स्थापना और संचालन सरकारका दायित्व है। सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कर्मियों ने बताया कि घर में केयरटेकर के हवाले बच्चा छोड़कर आने से बच्चे का विकास प्रभावित हो रहा है। माता के स्वाभाविक संरक्षण के बिना उसकी जिज्ञासाओं का समाधान समय पर भी नहीं हो पाता। इसके चलते समुचित मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है। शारिरिक विकास के मामले में भी ऐसे बच्चे पिछड़े नजर आते हैं।