Sidhi news:टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी नें परसिली के आदिवासियों कि जबरी बेदखली पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि समाज से अलग संसाधन से वंचित बीहड़ के बिराने में पीढ़ियों से जीवन जीते चले आ रहे आदिवासी समाज को कभी विकास के लिए तो कभी सत्ता और संपत्तिवानों के किलोल ( आमोद प्रमोद , क्रीड़ा ) के लिए उनके पुस्तैनी रहवास से बेदखलकर अलग-थलग करनें का सिलसिला कब रुकेगा, रुकेगा भी कि नहीं रुकेगा आदिवासियों के बजूद को बहुत बडड़ी चुनौती है? आदिवासियों के अस्तित्व पर कहर के सिलसिले को आगे बढ़ते हुए मझौली उपखंड के ग्राम पारसीली मैं पुस्तों से काबिज आदिवासियों को पट्टा, मालिकाना हक कि कार्यवाही न करने के अपराधी और दोषी शासन और प्रशासन के जिम्मेदार लोग ही हैं! ग्राम परसली कि जिन भूमियों में आदिवासी अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं अब उन्हें अनाधिकृत कब्जाधारी घोषित करके उनको बेदखल करने की कार्यवाही शुरू की गई है। आदिवासियों की बेदखल करने की कार्यवाही इस तर्क पर की जा रही है कि यह भूमियाँ शासन कि है इन भूमियों को म. प्र. टूरीज्म बोर्ड को हस्ताँतरित किया जाना है। म. प्र. टूरिज्म बोर्ड सरकार द्वारा गठित किया गया है जिसमे उन्ही के चाहते है अपनों को उपकृत करना सरकार अपना धर्म मान चुकी है। पर्यटन स्थल धनवानों को अधिक धन कमाने तथा सत्ता और संपत्तिवानों के किलोल गाह ( आमोद प्रमोद , क्रीड़ा ) के लिए ही बनाया जाता है। आदिवासियों में जबरिया बेदखली से पीड़ा है।
ग्राम सभा कि आपत्ति कि अनसुनी
Sidhi news:मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम को ग्राम परसिली की भूमियों को हस्तांतरित किए जाने की जानकारी होने पर प्ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा आयोजित की गई जिसमें ग्राम सभा में पहुंचे ग्रामीणों ने सर्वसम्मत से यह तय किया कि हम अपने ग्राम की भूमिया पर्यटन विकास निगम को नहीं देना चाहते हैं पर्यटन विकास निगम से संबंधित जो भी गतिविधि संचालित किया जाना है वह ग्राम पंचायत के माध्यम से ही की जाए। ग्राम सभा की आपत्ति एवं ग्राम सभा के निर्णय को नजरअंदाज करते हुए सरकार के दबाव में जिला प्रशासन ग्राम परसिली की भूमिया मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम को हस्तांतरित किए जाने पर उतारू है!
हुई पांच साल कि रजिस्ट्री जाँच से होंगे बेपर्दा
Sidhi news:संजय टाइगर रिजर्व से जिन 54 गांव को विस्थापित किया जाना है उन गांव में भी जमीन की रजिस्ट्री का धड़ाधड़ खेला हुआ था। जमीन रजिस्ट्री का खेला मुआवजा पाने तथा विस्थापन पैकेज पाने प्रशासनिक अमले के सांठ-गांठ से हुआ था। ऐसा ही खेला ग्राम चमराडोल, बोदारी, परसिली, नौढ़िया में जारी है। जानकारी में आया है कि इन ग्रामों में सीधी जिले के नेता एवं तमाम बड़े बड़े अधिकारी भी जमीनों कि रजिस्ट्री कराये है अपने ब्यावसाईक प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिए। चमराडोल, बोदारी, परसिली, नौढ़िया में बड़ी संख्या में भूमि कि रजिस्ट्री हुई है, पिछले पांच साल कि हुई रजिस्ट्री कि जाँच हो जाय तों सीधी के नेता एवं अधिकारी दोनों बेपर्दा हो जाएंगे? चमराडोल, बोदारी, परसिली, नौढ़िया के लिए म. प्र. पर्यटन विकाश निगम बरदान नहीं अभिशाप बन गया है?