Sidhi news:शंकरपुर के ग्रामीणों का फिर फूटा गुस्सा, भदौरा में अनावश्यक निर्माण पर उठाए सवाल
Sidhi news:सीधी जिले के भदौरा में एक ओर जहां बिना जरूरत अंडरब्रिज का निर्माण हो रहा है, वहीं शंकरपुर के ग्रामीणों को रेलवे ट्रैक पार करने के लिए अब भी जोखिम उठाना पड़ रहा है। करीब 2000 की आबादी वाले शंकरपुर में लंबे समय से अंडरब्रिज की मांग की जा रही है, लेकिन अधिकारियों और नेताओं का ध्यान अब तक नहीं गया।
ट्रैक पार करने को मजबूर ग्रामीण
शंकरपुर के लोग, खासकर बच्चे और बुजुर्ग, हर दिन रेलवे ट्रैक पार करने को मजबूर हैं। इससे हादसों की आशंका बनी रहती है। चुनाव के समय इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया गया था, यहां तक कि विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था। तब अधिकारियों ने आश्वासन देकर चुनाव कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही।
भदौरा में क्यों बन रहा अंडरब्रिज?
Sidhi news:ग्रामीणों का आरोप है जब हम लोगो ने रेल रोकने का आन्दोलन किया तब भदौरा मे अंडर ब्रिज स्वीकृति हुआ था पर वहा ओभर ब्रिज की आवश्यक्ता थी तो हम पुनः आन्दोलन किये ओभर ब्रिज की स्वीकृति उस स्थान पर होने के बाद अब राजनीतिक दबाव के कारण वहीं भदौरा मे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज दोनों स्वीकृत कर दिए गए।और काम अंडर ब्रिज का शुरू कर दिया गया, सवाल यह उठता है कि जब शंकरपुर जैसे जरूरतमंद गांव को ब्रिज नहीं मिल रहा, तो भदौरा में ओभर ब्रिज स्वीकृति के बाद अंडरब्रिज बनाने की क्या तुक है?
ग्रामीणों का विरोध और प्रशासन का रुख
Sidhi news:शंकरपुर में एक बार फिर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थानीय नेता कृष्ण किशोर शुक्ला, सभाष चंद्र गुप्ता और श्रीकांत शुक्ला जैसे जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है। जिस पर एसडीएम कुसमी प्रिया पाठक ने कहा कि दोनों गांवों के ग्रामीण निर्माण स्थल को लेकर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, जहां पहले अंडरब्रिज स्वीकृत था, वहीं अंडरब्रिज बनाया जा रहा है। प्रशासन की एक टीम भेजी गई है, जो पूरे मामले की जांच कर जल्द समाधान निकालेगी इसके संबंध मे रेलवे विभाग से भी बातचीत चल रही है।
जनता की मांग जरूरत वाली जगह बने ब्रिज
Sidhi news:ग्रामीणों की मांग स्पष्ट है—जहां वास्तव में जरूरत है, वहीं ब्रिज बनाया जाए। शंकरपुर में अंडरब्रिज बनने से लोगों को सड़क और रेलवे ट्रैक पार करने की सुविधा मिलेगी। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस समस्या का समाधान निकालता है, या फिर ग्रामीणों को अपना विरोध और तेज करना पड़ेगा।