Sidhi news:खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम का उल्लंघन करने पर 2 लाख तक जुर्माने का प्रावधान, लाइसेंस से गुणवत्ताहीन सामग्री बेचने पर लगेगा अंकुश
Sidhi news:खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 को लागू किया गया है। इस अधिनियम में प्रावधान है कि यदि समोसा जैसी सामान्य खाद्य सामग्री भी बिना लाइसेंस के बेची जा रही है तो इसमें विभाग जुर्माना लगा सकता है। खाद्य पदार्थों के उत्पादन, स्टॉक, वितरण, बिक्री व आयात को लेकर अधिनियम बनाया गया है। उसमें अब ऐसे प्रावधान कर दिए गए हैं। समोसा के साथ अब घरों में तैयार करके मार्केट में बेचे जाने वाले केक, चॉकलेट आदि के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
Sidhi news:विशेष बात यह है कि किसी भी तरह से ऐसी सामग्री के सेवन के बाद फूड प्वाइजनिंग होने पर सामग्री बेचने वाले को गलती पाए जाने पर छह महीने का कारावास हो सकता है, साथ ही बिना लाइसेंस ऐसी सामग्री बेचने पर भी दो लाख रुपए तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा। अभी इस तरह के नए एक्ट के विषय में न तो ऐसी दुकान लगाने वालों को जानकारी है, न ही जायका लेकर खाने वालों को इसका आभास है। शहर के नाश्ता दुकानदार रमेश व वीरू का कहना है कि नए कानून को लेकर दुकानदारों को जानकारी नहीं है। ऐसे में कार्रवाई के पहले दुकानदार को संबंधित नियम के संबंध में जागरूक करना जरूरी है।
दुकान में लगा होना चाहिए प्रमाण पत्र
Sidhi news:किसी भी तरह की खाद्य सामग्री हर दिन के हिसाब से बेचने पर यह जोखिमों से भरा भी है। यदि इसमें जरा सी गलती हो जाए तो खाने वाले हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। इसको लेकर लोगों का कहना हैकि सरकार ने गंभीरता दिखाई तो बेचने वालों को भी उसी स्तर पर सतर्कता रखनी होगी। खाद्य विभाग के नियम अनुसार लाइसेंस का प्रमाणपत्र दुकान के मुख्यद्वार या परिसर में लगाना जरूरी है। इसके पीछे मंशा यही है कि यह प्रमाण पत्र न होने पर दुकानदार की शिकायत नहीं हो सकती है। सामने पूरा विवरण होने पर इसमें खाद्य सामग्री में गलती मिलने पर गुणवत्ताहीन खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदार की शिकायत भी नाम सहित की जा सकती है।
जुर्माने के साथ कारावास भी
Sidhi news:ग्राहक को खाद्य पदार्थ से किसी भी तरह की गंभीर फूड प्वाइजनिंग होने पर उत्पादक व विक्रेता को जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसी घटना में दो लाख रुपए जुर्माना और छह महीने के कारावास की सजा हो सकती है। नए कानून या एक्ट के तहत कुछ गंभीर मामले वाले प्रकरण न्यायालय में दाखिल किए जाते हैं। विभाग के अधिकारियों के अनुसार खाद्य सामग्री बेचने वाले व्यवसायी व खाद्य पदार्थ उत्पादक पंजीयन अथवा लाइसेंस के लिए एफएसएसएआई डॉट इन वेबसाइट पर आवेदन कर सकता है।