Sidhi news:मोगली पलटन की कछुआ चाल साइकल रैली
संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)
Sidhi news:ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन द्वारा जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता के लिए पिछले सात माह से मिशन रामबाण चलाया जा रहा है। मिशन रामबाण के अंतर्गत ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन की बाल सेना मोगली पलटन द्वारा हर माह के पहले रविवार को कछुआ चाल साइकल रैली निकाली जाती है। ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन के प्रवक्ता सचिन पाण्डेय ने बताया कि इस शृंखला में 3 नवम्बर को ये सातवीं साइकल रैली निकाली गयी। रैली गाँधी चौक सीधी से प्रारम्भ हुयी; फिर अस्पताल चौक, सम्राट चौक से कोतवाली से गल्लामंडी होकर पुनः गाँधी चौक पहुँचकर समाप्त हुयी।
Sidhi news:सचिन पाण्डेय ने कहा है कि आम तौर पर सभी दवाएं एक तरह का \”केमिकल सॉल्ट\’ होती हैं। इन्हें शोध के बाद अलग-अलग बीमारियों के लिए बनाया जाता है। जेनेरिक दवा जिस सॉल्ट से बनी होती है, उसी के नाम से जानी जाती है। जैसे- दर्द और बुखार में काम आने वाले पैरासिटामोल सॉल्ट को कोई कंपनी इसी नाम से बेचे तो उसे जेनेरिक दवा कहेंगे। वहीं, जब इसे किसी ब्रांड जैसे- क्रोसिन के नाम से बेचा जाता है तो यह उस कंपनी की ब्रांडेड दवा कहलाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि सर्दी-खांसी, बुखार और बदन दर्द जैसी रोजमर्रा की तकलीफों के लिए जेनरिक दवा महज 10 पैसे से लेकर डेढ़ रुपए प्रति टैबलेट तक में उपलब्ध है। ब्रांडेड में यही दवा डेढ़ रुपए से लेकर 35 रुपए तक पहुंच जाती है।
Sidhi news:जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती इसलिए होती हैं क्यूँकि जब कोई कंपनी एक नई दवा बनाती है, तो इसके लिए रिसर्च डेवलपमेंट पर पर्याप्त लागत आती है, लेकिन जेनेरिक दवाएं, पहले डेवलपर्स के पेटेंट की अवधि समाप्त होने के बाद उनके फार्मूलों और सॉल्ट का उपयोग करके विकसित की जाती है। इसलिए जेनरिक दवा सस्ती होती हैं।
Sidhi news:जेनेरिक दवाएँ बेंचें के लिए चक्कबुक्क वाली पैकिंग नहीं करनी पड़ती, बड़े बड़े सितारों से प्रचार नहीं करवाया जाता, गली-गली में बड़े बड़े होर्डिंग पोस्टर नहीं लगाने पड़ते। इसलिए ये दवाईयां और भी सस्ती हैं। जेनरिक दवाईयां पूरी तरह से सुरक्षित, कारगर, सभी की पहुंच में और किफायती हैं। ये भी मनुष्य के शरीर पर पेटेंट दवा के समान ही असर करेगी।