उमरिया में रेत माफियाओं का आतंक, बीट गार्ड पर जानलेवा हमला
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिले में रेत माफियाओं का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। खुलेआम अवैध उत्खनन कर रहे माफिया अब सरकारी कर्मचारियों और वन कर्मियों पर हमला करने से भी पीछे नहीं हट रहे। हालात यह हैं कि क्षेत्रीयता का लाभ उठाकर ये माफिया वन विभाग की टीम को न केवल चुनौती दे रहे हैं, बल्कि खुलेआम धौंस दिखाते हुए कानून व्यवस्था को धता भी बता रहे हैं।
ताजा मामला उमरिया जिले के चंदिया वनपरिक्षेत्र अंतर्गत सलैया बीट का है। शनिवार सुबह सलैया बीट क्षेत्र में 4 से 5 ट्रैक्टर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे थे। बीट गार्ड रमाशंकर चौधरी ने जब इस अवैध गतिविधि को रोका और आपत्ति दर्ज की, तो आधा दर्जन से अधिक लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से वनरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए।
वन विभाग के कर्मचारी ने बताया कि बीट गार्ड पर हमला पूरी तरह से सुनियोजित प्रतीत होता है। माफियाओं का हौसला इतना बुलंद है कि वे बिना किसी डर के न केवल रेत की चोरी कर रहे हैं बल्कि सरकारी अमले को भी जान से मारने की कोशिश कर रहे हैं। घायल बीट गार्ड रमाशंकर चौधरी को तत्काल चंदिया स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला चिकित्सालय उमरिया रेफर कर दिया गया है।
एसडीओ फारेस्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बीट गार्ड की निशानदेही पर अवैध उत्खनन में शामिल सभी ट्रैक्टरों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग अवैध खनन और उस पर होने वाले हमलों के खिलाफ किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेगा। इस मामले की जानकारी चंदिया पुलिस को भी दी गई है, ताकि हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेत माफियाओं का दबदबा पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ा है। आए दिन जिले के विभिन्न हिस्सों में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, और प्रशासन की आंखों के सामने ही माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं। अवैध कारोबार से न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी भी हो रही है।
वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि उनकी ड्यूटी बेहद जोखिमपूर्ण होती जा रही है। रेत माफिया संगठित गिरोह की तरह काम कर रहे हैं, और इनके सामने न तो कानून का डर है और न ही किसी कार्रवाई की चिंता। वन कर्मियों ने मांग की है कि अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमले की संयुक्त कार्रवाई की जाए, ताकि माफियाओं के हौसले पस्त हों।
गौरतलब है कि जिले में सोन नदी और अन्य इलाकों से अवैध रेत उत्खनन लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। कई बार कार्रवाई भी हुई, लेकिन माफिया हर बार नए तरीके से सक्रिय हो जाते हैं। सलैया बीट का यह मामला एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि आखिर जिले में रेत माफियाओं पर लगाम कब लगेगी और सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी।
चंदिया पुलिस का कहना है कि हमलावरों की पहचान की जा रही है। पीड़ित बीट गार्ड के बयान और विभागीय अधिकारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा और जल्द ही गिरफ्तारियां होंगी।
इस घटना ने जिले में वन कर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।