नगर की तीसरी आंख हुई बंद, नवरात्र में सुरक्षा पर उठे सवाल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली नगर में नगर पालिका द्वारा वर्षों पहले लगाए गए सीसीटीवी कैमरे कई दिनों से बंद पड़े हैं। नगर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से इन कैमरों को लगाया गया था, लेकिन लंबे समय से इनकी मरम्मत नहीं कराई गई है। इस लापरवाही ने अब नवरात्र महोत्सव के दौरान गंभीर चिंता खड़ी कर दी है।
बिरसिंहपुर पाली नगर में आदिशक्ति माता बिरासिनी देवी के दर्शन के लिए शारदीय नवरात्र में न केवल जिले के कोने-कोने से बल्कि पड़ोसी जिलों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे समय पर नगर में सुरक्षा की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, मंदिर मार्ग, बस स्टैंड और प्रमुख चौक-चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे यदि चालू रहते तो पुलिस और प्रशासन के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा पर नजर रखना आसान हो जाता। लेकिन फिलहाल नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के कारण कैमरे केवल खंभों पर टंगे शोपीस बने हुए हैं।
व्यापारी संघ अध्यक्ष विमल अग्रवाल ने बताया कि नगर की सुरक्षा को लेकर बीते दिनों आयोजित शांति समिति की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था। उस बैठक में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि नवरात्र से पहले सभी कैमरों की मरम्मत और संचालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि भीड़भाड़ वाले दिनों में कोई अप्रिय घटना न हो। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन ने इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। परिणामस्वरूप नवरात्र शुरू होने के बावजूद कैमरे बंद पड़े हैं और लोग असुरक्षा की भावना से गुजर रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि नगर में बढ़ती भीड़ के बीच चोरी सहित अन्य आपराधिक घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है। ऐसे में सीसीटीवी कैमरे आंख और कान का काम करते हैं। यदि किसी वारदात की घटना घटती है तो इन कैमरों की रिकॉर्डिंग पुलिस को अपराधी तक पहुंचने में अहम सबूत प्रदान करती है। लेकिन जब कैमरे ही बंद हों तो अपराधियों के हौसले बुलंद होना तय है।
नगर पालिका की इस लापरवाही पर नागरिकों ने भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पालिका द्वारा समय-समय पर लाखों रुपये खर्च कर विकास कार्यों का दावा तो किया जाता है, लेकिन बुनियादी सुरक्षा व्यवस्थाओं की अनदेखी कर दी जाती है। कैमरे लगाए जरूर गए, लेकिन उनकी नियमित देखरेख और तकनीकी जांच पर ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि आज नगरवासी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में नगर और आसपास के इलाकों में चोरी सहित अन्य घटनाएं सामने आई हैं। लोगों का मानना है कि यदि सीसीटीवी कैमरे सक्रिय होते तो इन मामलों का शीघ्र खुलासा संभव हो पाता। लेकिन बंद कैमरों के चलते पुलिस के पास जांच में भी ठोस सबूत नहीं मिल पाते।
अब जब नवरात्र का पर्व शुरू हो चुका है और लाखों की भीड़ नगर में उमड़ रही है, तब प्रशासन को कैमरों की मरम्मत और संचालन तत्काल सुनिश्चित करना चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था केवल पुलिस बल बढ़ाकर पूरी नहीं की जा सकती। आधुनिक तकनीक का सहयोग भी उतना ही आवश्यक है।
