तूफान की विरासत बढ़ी आगे बांधवी बनी मां, बांधवगढ़ में गूंजी किलकारी
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व इन दिनों खुशी से सराबोर है। वजह है ताला रेंज के बठान हाथी कैंप में रह रही 14 वर्षीय हथिनी बांधवी, जिसने हाल ही में एक नर हाथी बच्चे को जन्म दिया है। यह उसका पहला बच्चा है। जैसे ही जन्म की खबर फैली, पूरे रिजर्व में हर्ष की लहर दौड़ गई। वनकर्मी, महावत और अधिकारी सभी इस नन्हे सदस्य के स्वागत में खुश नजर आए।
बांधवी की पहचान रिजर्व में एक शांत, आज्ञाकारी और समझदार हथिनी के रूप में रही है। वह पिछले कई महीनों से बठान कैंप में थी और उसकी गर्भावस्था पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। वन्य प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी और रेंज अधिकारी ताला द्वारा जन्म के बाद मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। बांधवी को पौष्टिक आहार और विशेष देखभाल दी जा रही है ताकि वह और उसका बच्चा मजबूत रहें।

बांधवगढ़ के वन अमले के लिए यह खबर बेहद उत्साहजनक है क्योंकि यह टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। वर्तमान में बांधवगढ़ में कुल 15 कैंप हाथी हैं, और हाल ही में रेस्क्यू की गई एक हथिनी बच्ची को मिलाकर इनकी संख्या अब 16 हो गई है। ये सभी अलग-अलग कैंपों में रहते हैं और जंगल की गश्त, पर्यवेक्षण और अन्य जरूरी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि बांधवी खुद बांधवगढ़ की बेटी है। उसका जन्म भी यहीं हुआ था। उसकी मां का नाम तूफान है, जो रिजर्व की एक जानी-मानी हथिनी है। पिता की पहचान नहीं हो पाई है। अब जब बांधवी खुद मां बनी है, तो वनकर्मी इसे बांधवगढ़ की अगली पीढ़ी की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं।
क्षेत्र संचालक बाँधवगढ़ टाइगर रिज़र्व डॉ. अनुपम सहाय ने बताया कि हाथियों का प्रजनन प्राकृतिक परिस्थितियों में होना एक अच्छा संकेत है। यह बताता है कि रिजर्व का वातावरण वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और अनुकूल बना हुआ है। वहीं महावतों का कहना है कि बांधवी अपने बच्चे को बहुत स्नेह से संभाल रही है। वह उसे अपनी सूंड से सहलाती है और उसके आसपास किसी को ज्यादा आने नहीं देती।
वन विभाग की योजना है कि आने वाले दिनों में बच्चे और मां दोनों को कुछ समय तक निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें सामान्य दिनचर्या में शामिल किया जाएगा।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व न सिर्फ बाघों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यहां हाथियों का संरक्षण भी बखूबी किया जा रहा है। बांधवी और उसके बच्चे का जन्म इस प्रयास की एक नई उपलब्धि है। वन विभाग के कर्मचारियों में चर्चा है कि तूफान की विरासत आगे बढ़ गई है, अब बांधवगढ़ में एक नया तूफान आया है।
यह नन्हा हाथी बच्चा अब बांधवगढ़ का नया आकर्षण बन गया है। पर्यावरण प्रेमी और वन्यजीव प्रेमी दोनों ही उसकी पहली झलक पाने को उत्सुक हैं। मां-बेटे की यह जोड़ी फिलहाल सभी की दुआओं और देखरेख में सुरक्षित है और बांधवगढ़ की धरती पर एक नई जिंदगी की शुरुआत का प्रतीक बन चुकी है।
