उत्कृष्ट विद्यालय में व्याप्त समस्याओं को लेकर विद्यार्थी परिषद ने खोला मोर्चा
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिले के शासकीय सज्जन उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की अव्यवस्थाओं और प्राचार्य के खिलाफ गंभीर आरोपों ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए विद्यालय की जर्जर स्थिति, मूलभूत सुविधाओं की कमी और प्राचार्य यू.बी. सिंह के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है। परिषद ने साफ कहा कि यदि प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए तो उन्हें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि जिस विद्यालय को उत्कृष्ट श्रेणी में गिना जाता है, वहाँ की हालत बेहद खराब है। परिसर में पीने के पानी के लिए वाटर कूलर तक उपलब्ध नहीं है। कक्षाओं में रोशनी और पंखों की व्यवस्था नहीं होने से छात्र गर्मी और अंधेरे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बेंच-टेबल की कमी के चलते बच्चों को फर्श पर बैठकर कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं।
खेल सामग्री का अभाव खेलकूद गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है। वहीं वाशरूम और कक्षाओं की स्थिति इतनी खराब है कि छात्र-छात्राओं को रोजाना भारी असुविधा उठानी पड़ती है। सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप है और जगह-जगह गंदगी का अंबार देखा जा सकता है। परिषद का कहना है कि छात्रों को पाठ्यपुस्तकें भी पूरी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
अवैध वसूली और दबाव के आरोप
ज्ञापन में परिषद ने प्राचार्य यू.बी. सिंह पर अवैध वसूली का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि नामांकन शुल्क और शाला विकास शुल्क के नाम पर छात्रों से अतिरिक्त पैसे लिए जा रहे हैं, जो पूरी तरह गैरकानूनी है। परिषद ने यह भी आरोप लगाया कि प्राचार्य विद्यार्थियों को आवाज उठाने पर फैल करने की धमकी देते हैं।
इसके अलावा नियमित उपस्थिति न देना, प्रशासनिक जिम्मेदारियों से बचना और छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं।
पुराने आरोप फिर चर्चा में
परिषद ने याद दिलाया कि प्राचार्य यू.बी. सिंह पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। छात्राओं से छेड़छाड़ और छात्रावास में अनुचित प्रवेश जैसे मामलों में विभाग ने उन्हें निलंबित किया था। इसके बावजूद उन्हें फिर से जिम्मेदारी सौंपना छात्रों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है। परिषद का कहना है कि शिक्षा जैसी संवेदनशील व्यवस्था में ऐसे अधिकारियों की मौजूदगी अस्वीकार्य है।
परिषद की मुख्य मांगें
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कलेक्टर से दो प्रमुख मांगें रखी हैं। पहली, विद्यालय में छात्रों को तुरंत मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और सभी अव्यवस्थाओं का निराकरण किया जाए। दूसरी, प्राचार्य यू.बी. सिंह को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। परिषद ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो संगठन आंदोलन करेगा।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
विद्यालय की स्थिति से अभिभावक भी लंबे समय से नाराज हैं। उनका कहना है कि उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा केवल नाम का रह गया है। बच्चों को न तो पढ़ाई का सही माहौल मिल रहा है और न ही आवश्यक सुविधाएं। कई अभिभावकों ने परिषद की पहल का समर्थन करते हुए कहा कि अब प्रशासन को गंभीरता से इस ओर ध्यान देना चाहिए।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
ज्ञापन सौंपे जाने के बाद अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग पर हैं। आरोपों की सच्चाई सामने लाने और समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे। परिषद की चेतावनी और अभिभावकों के आक्रोश को देखते हुए यह मामला अब और तूल पकड़ सकता है।
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