Bandhavgarh News: बांधवगढ़ में बाघिन कांटी वाह का शिकार LIVE देख रोमांचित हुए पर्यटक, वीडियो हुआ वायरल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले स्थित विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शनिवार को पर्यटकों को वन्य जीवन का एक रोमांचक और दुर्लभ दृश्य देखने को मिला। खितौली जोन में सफारी पर निकले पर्यटकों ने प्रसिद्ध बाघिन कांटी वाह को जंगली सुअर का शिकार करते हुए लाइव देखा, जिसे उन्होंने अपने कैमरे में कैद कर लिया। यह वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर सामने आते ही वायरल हो गया है।
जानकारी के अनुसार, करीब सात साल की बाघिन कांटी वाह अपने क्षेत्र (टेरिटरी) में सामान्य रूप से घूम रही थी। उसी समय पर्यटकों की एक जीप सफारी रूट से गुजर रही थी। तभी बाघिन की नजर जंगली सुअर पर पड़ी और कुछ ही सेकंड में उसने तेजी से हमला कर शिकार कर लिया। बाघिन ने शिकार करने के बाद सुअर को जंगल के अंदर खींचकर ले गई।
इस पूरे घटनाक्रम को पर्यटकों ने नजदीक से देखा और उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें बाघिन की फुर्ती, एकाग्रता और शिकारी स्वभाव स्पष्ट दिखाई देता है। यह दृश्य रोमांच से भरपूर था, जिसे देख पर्यटक आश्चर्यचकित रह गए।
कांटी वाह: बांधवगढ़ की जानी-पहचानी बाघिन
कांटी वाह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सबसे चर्चित बाघिनों में से एक है। उसे अक्सर अपने शावकों के साथ देखा जाता है और वह खितौली जोन में सक्रिय रहती है। अपने तेज शिकार कौशल और सुरक्षात्मक व्यवहार के कारण वह न सिर्फ फॉरेस्ट गार्ड्स बल्कि पर्यटकों के बीच भी पहचान रखती है।
वन्य जीवन प्रेमियों के लिए सुनहरा अवसर
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों सफारी का अंतिम चरण चल रहा है। कोर जोन में 30 जून के बाद मॉनसून सत्र के लिए सफारी बंद कर दी जाती है, इसलिए पर्यटक बड़ी संख्या में अंतिम दिनों में जंगल सफारी का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं। इस रोमांचक घटना ने पर्यटकों के अनुभव को और भी यादगार बना दिया।
बांधवगढ़ की बाघों से भरी दुनिया
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को देश के सबसे अधिक बाघों वाले अभ्यारण्यों में गिना जाता है। यहां 165 से अधिक बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई है। यह टाइगर रिजर्व तीन जोनताला, मगधी और खितौली में विभाजित है, जिनमें खितौली जोन हाल के वर्षों में बाघों की गतिविधियों के लिए खासा चर्चित रहा है।
वन विभाग की नजर और पर्यटकों की जिम्मेदारी
इस प्रकार की घटनाएं जहां वन्यजीव प्रेमियों के लिए रोमांचक होती हैं, वहीं यह वन विभाग के लिए भी वन्यजीवों के स्वास्थ्य, व्यवहार और टेरिटरी की निगरानी का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
वन अधिकारियों ने पर्यटकों से अपील की है कि जंगल सफारी के दौरान शांति बनाए रखें, जानवरों को परेशान न करें और सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
बाघिन कांटी वाह के इस शिकार की घटना एक बार फिर इस बात का प्रमाण है कि बांधवगढ़ की धरती आज भी बाघों की दहाड़ और जंगल के प्राकृतिक नियमों की साक्षी है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग खिंचे चले आते हैं।