Tripal talak: शादीशुदा महिला का बिना तलाक़ शहर काज़ी ने कराया दूसरा निकाह, कहा शरीयत के हिसाब से हो चुका है मौखिक तलाक, रीवा में नहीं लागू है नया ट्रिपल तलाक़ कानून
Tripal talak: भले ही मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को न्याय और सुरक्षा दिलाने के कितने ही कानून क्यों ना बना ले, लेकिम कौम के नुमाइंदे आज भी मुस्लिम महिलाओं को शरीयत के हिसाब से चलने का फरमान दे रहें हैं, इतना ही नहीं रीवा के शहर काजी भी शरीयत के हिसाब से समयावधि में दिये गये तलाक़ को ट्रिपल तलाक़ का नया कानून पारित होने के बाद भी जायज ठहरा रहे हैं।
दरअसल यह पूरा मामला उस वक़्त प्रकाश में आया जब एक पिता अपने दामाद और दो नवासों को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर इस आशय की शिकायत की, कि शहर काज़ी द्वारा उनकी शादीशुदा और दो बच्चों की मां का बिना तलाक़ हुए दूसरा निकाह करवा दिया गया है।
वहीं इस मामले को लेकर शहर काजी मुफ़्ती मुबारक मोहम्मद अजहरी ने बताया कि पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद और मारपीट होती थी, इस दौरान पति द्वारा कई बार मौखिक रुप से तलाक़ भी दिया गया, जिसके बाद शरीयत के मुताबिक समयावधि गुजारने के बाद उनके द्वारा निकाह की रजामंदी दी गई।
जो शरीयत के मुताबिक जायज है वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर का कहना है कि एक महिला के पिता द्वारा शिकायत की गई है, सम्बंधित थाने को मामले में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं, प्रतिवेदन में आये तथ्यों के आधार पर विधि संवत कार्यवाही की जायेगी
जाने क्या कहता है मुस्लिम विवाह अधिनियम 2019
Tripal talak: मुस्लिम विवाह अधिनियम के मुताबिक कोई भी पति अपनी पत्नी बोलकर, लिखकर, इलेटक्ट्रॉनिक तरीके या अन्य किसी माध्यम से तलाक़ देता है, तो वह अमान्य और गैर संवैधानिक माना जायेगा।
इस मामले में अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता बी के माला का कहना है कि ट्रिपल तलाक़ के मामले में बनाया गया कानून संपूर्ण देश में लागू होता है, किसी भी धर्मगुरु को कानून से इतर जाने का अधिकार नहीं है।