ग्रामीणों को मिली राहत, चिल्हारी गडरिया हार से बाघिन का सुरक्षित रेस्क्यू
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पनपथा रेंज अंतर्गत ग्राम चिल्हारी गडरिया हार में एक सप्ताह से डेरा जमाए बाघिन को वन विभाग ने सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर लिया है। बाघिन की लगातार मौजूदगी से गांव और आसपास के क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ था। वन विभाग की सतर्कता और लगातार प्रयासों के बाद यह अभियान सफल हो सका।

जानकारी के अनुसार बाघिन बीते कई दिनों से गांव से लगे खेतों और झाड़ियों में देखी जा रही थी। ग्रामीणों को मवेशियों और स्वयं की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने तुरंत मोर्चा संभाला। क्षेत्र में निगरानी बढ़ाई गई, गांव में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया गया और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वन विभाग ने विशेष टीम गठित की। हाथी दल, ट्रैंकुलाइजेशन एक्सपर्ट और अनुभवी फील्ड स्टाफ को मौके पर तैनात किया गया। पूरे इलाके की घेराबंदी कर बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखी गई ताकि उसे बिना किसी नुकसान के सुरक्षित पकड़ा जा सके। कड़ी मशक्कत और कई घंटों के प्रयास के बाद बाघिन को सफलतापूर्वक ट्रैंकुलाइज किया गया और पिंजरे में सुरक्षित रखा गया।
वन अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण में बाघिन पूरी तरह स्वस्थ पाई गई है। आगे की प्रक्रिया के तहत उसे सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़े जाने की तैयारी की जा रही है, जिससे वह अपने प्राकृतिक आवास में वापस लौट सके।
बाघिन के रेस्क्यू के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। गांववासियों ने वन विभाग की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता की सराहना की। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि यदि भविष्य में किसी जंगली जानवर की गतिविधि नजर आए तो तुरंत सूचना दें और स्वयं किसी तरह का जोखिम न उठाएं। यह सफल रेस्क्यू अभियान मानव सुरक्षा के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण के प्रति वन विभाग की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
