ind vs pak मैच बनाम मंचीय राष्ट्रवाद: जब क्रिकेट ने खोल दी सियासी ‘देशभक्ति’ की परतें, फोटो हो रही वायरल
नई दिल्ली:
ind vs pak : सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर ने राजनीति और राष्ट्रवाद के रिश्ते पर तीखी बहस छेड़ दी है। इस तस्वीर ने सवाल उठाए हैं कि क्या देशभक्ति केवल चुनावी मंचों की सजावट बनकर रह गई है, या फिर जनता की असली भावना किसी और दिशा में है?
वायरल तस्वीर दो हिस्सों में बंटी हुई है—बाईं तरफ एक लोकप्रिय नेता मंच से उग्र राष्ट्रवादी बयान देते नज़र आ रहे हैं, जबकि दाईं तरफ भारत-पाक क्रिकेट मैच की झलक दिखाते हुए लिखा है, “अब असली उत्साह यहां है।” यह प्रतीकात्मक तुलना दिखाती है कि जैसे ही भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच शुरू होता है, वैसे ही भाषणों की गर्मजोशी ठंडी पड़ जाती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रेंड बताता है कि राष्ट्रवाद कई बार चुनावी रणनीति के तहत उभारा गया एक भावनात्मक उपकरण मात्र बन जाता है। लेकिन जब कोई बड़ा खेल आयोजन सामने आता है, खासकर भारत-पाक मुकाबला, तो पूरा देश उस उत्साह में डूब जाता है और मंचीय राष्ट्रवाद बैकफुट पर चला जाता है।
ind vs pak : जनता की प्राथमिकताएं भी इसी ओर इशारा करती हैं। जहां एक ओर चुनावी रैलियों में ‘देशभक्ति’ का शोर होता है, वहीं दूसरी ओर आम लोग उस भावना से ज़्यादा जुड़ाव दिखाते हैं जो उन्हें वास्तविक खुशी, गर्व और उत्साह देती है—जैसे क्रिकेट मैच। यह फर्क सियासतदानों के लिए एक आईना है, जो बताता है कि लोगों का ध्यान कब और कैसे बदलता है।
सोशल मीडिया पर इस फोटो को लेकर हजारों प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिनमें से कई यूज़र्स ने इसे “सच का आइना” कहा है। कुछ ने तंज कसते हुए लिखा, “जब-जब मैच होता है, नेता खुद मैच से बाहर हो जाते हैं।”
इस बहस ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या राजनीति में इस्तेमाल होने वाला राष्ट्रवाद असली है या केवल एक नाटक? और क्या आम जनता अब सिर्फ भाषणों से नहीं, बल्कि अपनी पसंद और उत्साह से असली मुद्दों को तय कर रही है?
नोट – यह फोटो हिंदी ना एक और विभिन्न प्लेटफार्म पर वायरल हो रही है इसका इस खबर से कोई संबंध नहीं है इस खबर में उसे फोटो के बारे में इंगित किया गया है। ना कि किसी भी व्यक्ति या नेताओं की भावनाओं को चोट पहुंचाना है।
No Comment! Be the first one.