Mpnews:सीधी कलेक्टर पर हाईकोर्ट सख्त, अधूरे जवाब और देरी पर लगा ₹10,000 का व्यक्तिगत जुर्माना
Mpnews: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणी करते हुए सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी पर ₹10,000 का व्यक्तिगत दंड लगाया है। अदालत ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी यदि अदालत के निर्देशों का पालन समय पर नहीं करते या अस्पष्ट जानकारी देते हैं, तो इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अदालत की यह टिप्पणी प्रशासनिक लापरवाही पर सीधी और कड़ी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।
मामला दरअसल क्या है
सीधी जिले की निवासी सीता सिंह द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया था कि उनकी भूमि के अधिग्रहण मामले में पहले ₹1,10,52,000 का मुआवजा निर्धारित किया गया था। लेकिन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अचानक आदेश बदलते हुए मुआवजा कम कर ₹5,40,000 कर दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना था कि जब अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, तब मुआवजा घटाना नियमों और न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर से स्पष्ट जवाब मांगा था कि किस आधार पर दूसरा आदेश पारित किया गया। लेकिन निर्धारित समय-सीमा बीतने के बाद भी कलेक्टर कार्यालय द्वारा स्पष्ट और पूर्ण जवाब दाखिल नहीं किया गया। बाद में जो हलफनामा पेश किया गया, उसमें भी अदालत के सवालों का समुचित जवाब नहीं था।
कलेक्टर कोर्ट में पेश, गलती स्वीकार
स्थिति गंभीर होते देख हाईकोर्ट ने कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी को व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अदालत में पेश होकर अधूरे हलफनामे और देरी को अपनी चूक बताया तथा नया हलफनामा प्रस्तुत किया। हालांकि कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार कर ली, पर प्रशासनिक लापरवाही को अत्यंत गंभीर मानते हुए ₹10,000 का व्यक्तिगत जुर्माना लगाया। यह राशि सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि कलेक्टर को स्वयं वहन करनी होगी।
