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Indian history:एक ऐसा किला जिसे अंग्रेज कभी नहीं जीत पाए

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Indian history:एक ऐसा किला जिसे अंग्रेज कभी नहीं जीत पाए

 

Indian history : भारत भूमि का इतिहास सदियों से ही काफी अनोखा रहा है जहां इसमें कई ऐसी रोचक क्रियाकलाप और तथ्य निकल कर आए हैं जो सबको आज भी हैरत में डाल देते हैं। इसलिए इसे काफी हद तक आपको जानना बेहद जरूरी है यह अपने आप में ही एक समृद्धि साली इतिहास को समेटे हुए हैं। भारत भूमि में अंग्रेजों का शासन हो गया था क्योंकि वहां अंग्रेज लगातार सभी को जीत कर पहुंच गए थे। लेकिन राजस्थान का यह किला आज भी अजेय किला के रूप में मनाया जाता है यहां कभी भी अंग्रेजों का कब्जा नहीं हुआ।

हम बात कर रहे हैं इस अनोखे किले की, यह लोहागढ़ का किला राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। जहा यह किला भारतीय इतिहास में अपनी अद्वितीयता और अपराजेयता के लिए प्रसिद्ध माना जाता रहा है। जहा इसे राजस्थान का “अजेय किला” भी कहा जाता है।

Indian history : क्या है इस किले की विशेषताएं

इसकी विशेषता को समझने के लिए हमें कई पॉइंट में इस चीजों को समझना होगा। तो लिए हम एक-एक करके सभी चीज जानते हैं कि आखिर इस किले की क्या विशेषता है -:

  • अजेयता

इस किले की पहली विशेषता है कि इसे कभी भी जीता नहीं जा सका है। यह लोहागढ़ किला अपनी मजबूत सुरक्षा प्रणाली और अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। साथ ही यह किला भारी मिट्टी और पत्थरों से बना है, जिससे तोपों के हमलों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता था।

  • किले की संरचना

आपको बतादे की इस किले के चारों ओर बेहद खाई बनाई गई थी, जिसमें पानी भरा हुआ रहता था। वही जब भी दुश्मन हमला करते थे तब खाई के पानी के कारण उनकी तोपें और सैनिक बेकार हो जाते थे।

  •  प्राकृतिक रक्षा तंत्र का अद्भुत उदाहरण 

आपको बतादे की इस किले का निर्माण इस तरह से किया गया था कि यह बारिश के पानी से भरकर और भी अधिक मजबूत हो जाता था।

Indian history : इन्होने कराया था निर्माण

आपको बतादे की इस किले का निर्माण को 18वीं शताब्दी में निर्माण कराया गया था जहा इसे महाराजा सूरजमल ने करवाया था। वही महाराजा सूरजमल भरतपुर के जाट शासक थे और उन्हें उनके वीरता और कुशल रणनीति के लिए जाना जाता है।

Indian history : अंग्रेज इसे कभी क्यों नहीं जीत पाए?

आइए जानते है की आखिर अग्रेज क्यू नहीं जीत पाए किला पॉइंट से इसे समझते है -:

यह है मजबूत किला

वही इस किले की मिट्टी से बनी दीवारें तोपों के हमले को सहन करने में काफी सक्षम हुआ करती थीं। जहा अंग्रेजों ने 1805 में लॉर्ड लेक के नेतृत्व में किले पर हमला भी किया था, लेकिन कई बार प्रयास करने के बाद भी आखिरकार अंग्रेज इसे जीत नहीं पाए थे।

रणनीति और नेतृत्व का उदाहरण 

अंग्रेज इसे इसलिए भी जीत नहीं पाए क्युकी महाराजा सूरजमल और उनके उत्तराधिकारियों ने इस किले की सुरक्षा के लिए कुशल रणनीतियां बनाई थीं, जिससे अंग्रेजों को हर बार हार का सामना करना पड़ा था।

Indian history : पर्यावरणीय बाधाएं भी रही शामिल 

वही इस किले के चारों ओर पानी से भरी खाई और अंदर की मजबूत दीवारें अंग्रेजों के हमलों को बेअसर कर देती थीं

इतिहासकार की माने तो इसका एक रोचक किस्सा यह है की 1805 में अंग्रेजों ने इस किले को जीतने के लिए 6 सप्ताह तक लगातार हमला किया। उन्होंने तोपों से किले पर सैकड़ों बार गोले दागे, लेकिन किले को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस दौरान अंग्रेजों को भारी नुकसान झेलना पड़ा और अंत में उन्हें हार माननी पड़ी। यह भारत के इतिहास में एकमात्र ऐसा किला है जिसे अंग्रेज कभी जीत नहीं पाए।

लोहागढ़ किला न केवल अपनी वास्तुकला और सुरक्षा के लिए बल्कि भारतीय शौर्य और स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है।

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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