Umaria News:एनएच 43 किनारे शासकीय भूमि पर बना आलीशान मकान, पटवारी ने तहसील में सौंपी रिपोर्ट
उमरिया तपस गुप्ता
पाली तहसील अंतर्गत घुंघुटी में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बने एक आलीशान मकान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 43 (एनएच 43) के किनारे स्थित इस मकान का निर्माण शासकीय खसरा नंबर 357 की भूमि पर किया गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा इसे अतिक्रमण मानते हुए तहसील कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी गई है।
मामला घुंघुटी के वार्ड क्षेत्र का है, जहां शासकीय भूमि पर पहले से आंशिक दीवार खड़ी थी। अब इसी आधार पर पूरी भूमि पर पक्के निर्माण के साथ एक बड़ा मकान खड़ा कर दिया गया है। यह मकान देखने में किसी निजी संपत्ति की तरह आधुनिक और सुविधाजनक नजर आता है। क्षेत्र में चर्चा है कि इस निर्माण को लेकर स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच असंतोष व्याप्त है।
इस संबंध में जब हल्का पटवारी धेनु प्रसाद प्रजापति से बात की गई, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “यह शासकीय भूमि है। पहले वहां आंशिक रूप से दीवार खड़ी थी, जिसे अब आगे बढ़ाकर एक पूर्ण मकान तैयार कर लिया गया है। मैंने इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर ली है और तहसील कार्यालय को सौंप दी है।”
पटवारी की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन को भूमि की स्थिति की जानकारी थी, लेकिन निर्माण कार्य के समय रोकथाम नहीं की गई। यह सवाल उठाता है कि यदि जमीन शासकीय थी, तो निर्माण के दौरान संबंधित विभागों द्वारा तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शासकीय भूमि पर इस तरह का निर्माण, वह भी हाईवे के इतने नजदीक, एक उदाहरण है कि कैसे नियमों को ताक पर रखकर अवैध कब्जे होते जा रहे हैं। इससे न सिर्फ शासन की संपत्ति पर अधिकार जमाया जा रहा है, बल्कि अन्य लोगों को भी ऐसे अतिक्रमण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
अब जबकि तहसील कार्यालय को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है, यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है। क्या अतिक्रमण हटाया जाएगा या फिर यह मामला फाइलों में दबा रहेगा यह आने वाले समय में ही साफ हो सकेगा।