Sidhi news:सरकार के नियमों की खुलेआम हो रही अनदेखी
Sidhi news:कलेक्ट्रेट में संचालित वी-विन कॉल सेंटर में नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। हालात यह है कि यहां आने वाले कॉल को रिसीव करने की जरूरत नहीं समझी जाती कंपनी द्वारा कॉल सेंटर संचालन के नाम पर मनमानी तौर पर नियुद्धियां की गई हैं और नियुद्ध कर्मचारियों का शोषण भी किया जा रहा है। दरअसल प्रदेश सरकार आम आदमी की शिकायतों के निराकरण के लिए प्रतिबद्ध देखी जा रही है जिसके लिए सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों के निराकरण के लिए प्रत्येक जिले में प्राईवेट कम्पनियों के माध्यम से कॉल सेंटर स्थापित कराये गए है। जिसमें कर्मचारियों की नियुक्तियां भी की गई है। यहां दर्ज होने वाली शिकायतों का तत्काल निराकरण कराया जाय लेकिन सीधी जिले में संचालित कॉल सेंटर का अता-पता नहीं है। बता दें कि जिले में बी-विन लिमिटेड कम्पनी द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर काल सेंटर का संचालन कराया जा रहा है। कम्पनी का टेंडर 2021 में हुआ था लेकिन अभी तक इस बात की भनक किसी को नहीं लग पाई है। जबकि इस पूरे मामले की शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन उक्त कम्पनी पर अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।
Sidhi news:शिकायतकर्ता ने बताया कि जिला प्रबंधक द्वारा कॉल सेंटर के सुचारू संचालन करवाने के बजाय कॉल सेंटर के संचलक को उनकी गलतियों से बचाने के काम किया जा रहा है। जबकि कलेक्टर द्वारा टेंडर निरस्त करने की कार्यवाही हेतु अतिम जवाब कंपनी से मांगा गया था शिकायतकर्ता ने बताया कि उक कम्पनी द्वारा सभी नियमों को ताक में रखकर कर्मचारियों की नियुक्ती की गई हैइसके साथ ही कम वेतन अर्थात टेंडर के नियम के विपरीत पारिश्रमिक दिया जाता है। इतना ही नहीं काल सेंटर का संचालन भी नियम विरूद्ध तरीके से किया जा रहा है। काल सेंटर में श्रम विभाग के नियम के तहत कुशल श्रमिक एवं सकुशल श्रमिक का वेतन भुगतान किया जना है परंतु सीसीई को 7000 एवं सुपरवाइजर को 1000०० वेतन दिया जाता है जबकि कॉल सेंटर के ठेकेदार वी-विन लिमिटेड द्वारा 19000 प्रत्ति कर्मचारी शासन से लिया जा रहा है। इसके साथ-साथ जिले स्तर में कॉल सेंटर का कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। जिस कारण आम जन को जिला स्तरीय कॉल सेंटर के बारे में शायद ही किसी को पता होगा वहीं कॉल सेंटर के कर्मचारी परिवर्तन हेतु शासन से अनुमति ली जाती है परंतु बिना किसी अनुमति के जब भी मन होता है।
Sidhi news:कर्मचारी बदल दिया जाता है। जबकि कर्मचारी परिवर्तन किए जाने पर शासन को शुल्क देना होता है। वहीं कॉल सेंटर में कार्यरत कर्मचारी को सिर्फइतना ही पता है की कॉल उठा कर शिकायत दर्ज करनी है। शिकायतकर्ताओ द्वारा बताया गया कि छोटी सी छोटी लापरवाही करने पर कम्पनी के ऊपर पेनाल्टी लगाई जाती है जिसमें प्रमुख रूप से अगर बिना अनुमति केसुपरवाईजर बदले गए तो दो हजार रूपये, एक काल अटेड नहीं किया तो ढाई सौ रूपये की पेनाल्टी लगती है लेकिन सूत्रों द्वारा बताया गया कि तीन से चार बार सुपरवाईजर एवं इसी तरह आपरेटर भी बिना अनुमति के बदल दिये गए है। बावजूद इसके सांठ-गांठ के चलते किसी भी प्रकार की कार्रवाई वी-विन कम्पनी लिमिटेड के ऊपर नहीं हो पाई है।
• श्रम विभाग में की गई शिकायत
Sidhi news:वी-विन लिमेटड कम्पनी में कार्यरत नीरज कुमार द्विवेदी पिता अंजनी प्रसाद द्विवेदी, निवासी ग्राम हिनैता द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें उल्लेख किया गया है कि वी-विन सस्थान के अंतर्गत नियोजित होकर कलेक्ट्रेट परिसर सीधी में संचालित नियंत्रण कक्ष में कॉलिंग एजेन्ट के पद पर 1 जुलाई 2023 से 20 जुलाई 2024 तक कार्य किया गया है। कराये गये कार्य के फलस्वरूप आवेदक को प्रतिमाह निर्धारित वेतन से कम का न्यूनतम वेतन भुगतान किया जाता रहा है। जिसको लेकर श्रम विभाग द्वारा लोक सेवा केन्द्र प्रबंधक एवं बी-विन लिमिटेड कम्पनी को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि आवेदक के कार्य से संबंडित नियोजन पंजी, अस्थिति पंजी, वेतन-मजदूरी भुगतान पंजी आदि जो आपके द्वारा संचारित किए गये है के साथ 4 अक्टूबर तक शिकायत की जांच कार्यवाही हेतु प्रस्तुत करें।
कॉल सेंटर की ये हैं प्रमुख कमियां
Sidhi news:कॉल सेंटर की प्रमुख कमियों में कर्मचारियों की नियुक्ति नियम विरुद्ध किया जाना। अपने परिचितों को नियुक्त कराकर कम वेतन अर्थात टेंडर के नियम के विपरीत पारिश्रमिक दिया जाता है। कॉल सेंटर का संचालन नियम विरुद्ध हो रहा है। श्रम विभाग के नियम के तहत कुशल एवं सनुशल वेतन भुगतान किया जाना है परंतु सीसीई को 7000 एवं सुपरवाइजर को 10000 वेतन दिया जाता है जबकि कॉल सेंटर के ठेकेदार बी-विन लिमिटेडारा कर्मचारी के भुगतान के लिए 19000 शासन से लिया जा रहा है। जिले स्तर में कॉल सेंटर का कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया जिस कारण आम जन को जिला स्तरीय कॉल सेंटर के बारे में सायद ही किसी को पत होगा। कॉल सेंटर के कर्मचारी परिवर्तन हेतुશાસન સે અનુમતિ ની નાતા કે ૫રંતુ વિના વિતી અનુમાતकर्मचारी परिवर्तन किए जाने पर शासन को शुल्क देना होता है। कॉल सेंटर में कार्यरत कर्मचारी को सिर्फ इतना ही पता है की कॉल उठा कर शिकायत दर्ज करनी है।
माह भर बाद भी कलेक्टर को नहीं दी जानकारी
Sidhi news:कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशे द्वारा वी-विन कंपनी को कंपनी को आदेश दिया गया था कि कर्मचारियों को कैसी नियुक्ति हुई है। कम वेतन क्यों दिया जा रहा है। यह समस्त प्रमाणित जानकारी 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करें अन्यथा टेंडर निरस्त करदिय जाएगा। माह भर बीतने के बाद भी कलेक्टर के पास दस्तावेज की जानकारी कंपनी द्वारा नहीं दी गई। संविदाकर्मी जीतेन्द्र द्विवेदी लगता है। कि कलेक्टर से भी भारी पड़ रहे हैं।
दबाव बनाकर शिकायत वापस लेने का मामला
Sidhi news:लगता है कि वी-विन कॉल सेंटर पर विभागीय अनले भी मेहरबान है क्योंकि अपर क्लेक्टर के यहां प्रदीर सिंह निवासी चुरहट द्वारा दूरभाष क्रमांक 8959000093 में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया था। आरटीआई की जानकारी मांगी गई थी। चाड़ी गई जानकारी में जिले में संचालित डिस्ट्रिक कॉल सेंटर का आरएफनी अनुसार अवलोकन/निरीक्षण तथा चयनित दस्तावेजों की प्रमाणित सत्यप्रतिलिपि प्रदान किया जाए। लेकिन माह भी बीतने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई है बल्कि दबाव बनाकर शकायत वापस लेने की कोशिस में लगे हैं।