Bandhavghar News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसनों की नई पीढ़ी का आगमन
उमरिया
Bandhavghar News: बाघों के लिए प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब बायसनों (गौर) की भी एक नई पीढ़ी ने जन्म लिया है। हाल ही में, यहां लाए गए बायसनों में से दो ने नन्हे शावकों को जन्म दिया है। इस खुशखबरी से वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बेहद उत्साहित हैं। नवजात बायसनों की देखभाल के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने विशेष निगरानी की व्यवस्था की है, जिसमें डॉक्टरों की टीम भी लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए है।
बांधवगढ़ में बायसनों का पुनर्वास
Bandhavghar News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसनों को बसाने की पहल के तहत 24 फरवरी को 22 बायसन (गौर) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से यहां लाए गए थे। इन बायसनों को बांधवगढ़ के कल्लवाह परिक्षेत्र में बनाए गए सुरक्षित बाड़े में रखा गया है, जो लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बाड़ा विशेष रूप से बायसनों के अनुकूल बनाया गया है, जहां उनके लिए पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है।
नन्हे बायसनों का जन्म और देखभाल
Bandhavghar News: हाल ही में, बाड़े में मौजूद बायसनों में से दो ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पी.के. वर्मा ने बताया कि गर्भवती बायसन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से यहां लाया गया था। बांधवगढ़ का वातावरण इनके लिए अनुकूल साबित हुआ, जिससे दोनों नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं। वन विभाग और डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल में जुटी हुई है, ताकि उनका सही ढंग से विकास हो सके।
बायसनों की वापसी का प्रयास
Bandhavghar News: गौर (भारतीय बायसन) कभी बांधवगढ़ के जंगलों का अभिन्न हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम हो गई थी। इसी वजह से बांधवगढ़ में गौरों को दोबारा बसाने की योजना बनाई गई, जिसके तहत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बायसन लाए गए।
Bandhavghar News: इस पहल का मुख्य उद्देश्य बांधवगढ़ के इकोसिस्टम को संतुलित करना और गौरों की संख्या को बढ़ाना है। अब जब यहां लाए गए बायसनों ने प्रजनन भी शुरू कर दिया है, तो यह वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
वन्यजीव संरक्षण में अहम कदम
Bandhavghar News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसनों का पुनर्वास वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इससे न केवल गौरों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी मदद करेगा।
Bandhavghar News: बायसनों के नए शावकों का जन्म इस प्रयास की सफलता का संकेत है। वन विभाग इन नवजातों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे हुए है, ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ रूप से बड़े हो सकें। अगर यह परियोजना सफल रहती है, तो भविष्य में अन्य स्थानों पर भी बायसनों के पुनर्वास की योजना बनाई जा सकती है।