Crime: पुलिस की सहमति से नौरोजाबाद के मुंडी खोली में नाच रही बामनपरी
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
Crime: उमरिया जिले के लिए कोई नई बात नहीं है जहां दिवाली और होली जैसे मौके पर जुआ के बाजार सजता हो। लगातार इसकी खबरें भी प्रकाशित हो रही है लेकिन उसके बावजूद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पा रही है। लगभग सभी को पता होने के बाद भी सब आंख बंद करके यह खेल को जारी करवा रहे हैं।
Crime: दरअसल यह पूरा मामला उमरिया जिले का है जहां पर उमरिया जिले के सभी क्षेत्रों में लगभग जुए का फड़ संचालित हो रहा है। यहां लोग आते हैं और खुद लूट जाते हैं लेकिन इतने में भी यह नहीं रुकता यहां और भी अधिक सुविधा मिलती रहती है। इस प्रकार की सुविधा कहीं भी ना मिलेगी जहां यह बेहद शानदार तरीके से जुआ के खेल को संचालित किया जाता है ।
कथा कथित भाजपा नेता करवा रहे हैं जुआ का संचालन
Crime: विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कथित भाजपा नेता मुड़िखोली सहित सुरक्षित स्थानों में जुआ का संचालन करवा रहे हैं जिसकी मूक सहमति पुलिस ने भी दी है। नाम न छापने की शर्त पर एक जुगाड़ी ने बताया है कि इस जुआ का परमिशन सत्ताधारी पार्टी के कद्दावर नेता ने दिलाई है।
जुआ फड में लगते हैं लाखों के दाव
Crime: वही दिवाली के मौके पर जुओं के फड़ में हजार नहीं बल्कि लाखों के दाव लगते हैं। यहां एक खेल में लाखों रुपए तक एक झटके में लोगों को मिलते हैं और एक झटके में लाखों रुपए जेब से गायब भी हो जाते हैं। इस प्रकार के खेल को देखकर आप भी हैरानी में पड़ जाएंगे। जहां लोगों के पास पैसे नहीं है और लोग अपनी आजीविका का साधन बड़ी मुश्किल से चला पाते हैं वही ऐसे में लाखों रुपए की चपत उन्हें मात्र एक घंटे में लग जाती है।
शहडोल संभाग के नामी गामी लोग होते है शामिल
Crime: यह खेल सिर्फ उमरिया जिले में ही नहीं होता है बल्कि उमरिया जिले के आसपास के जिले के लोग भी यहां आते हैं और इस खेल में अपने हिस्सेदारी निभाते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केवल शहडोल जिला ही नहीं बल्कि शहडोल संभाग के कई क्षेत्र के ऐसे लोग हैं जो यहां आकर अपनी किस्मत को आजमाते हैं। इस घटनाक्रम की जानकारी केवल जिले में ही नहीं है बल्कि संभाग के आला अधिकारियों को भी है लेकिन इसके बाद भी कोई भी अधिकारी हाथ डालने से बचते हुए नजर आ रहे है।
हारे जूआड़ियों को मिलती हैं फाइनेंस की सुविधा
Crime: सबसे हैरानी की बात तो यह है की केवल लोग अपना पैसा लेकर खेलने नहीं आते हैं बल्कि यहां अगर हार जाते हैं तो उन्हे फाइनेंस की सुविधा भी उपलब्ध होती है। फाइनेंसर जुआडियो के बगल में बैठे रहते हैं और फाइनेंस कर ब्याज में पैसा दे देते हैं और अगर जुआड़ी जीत गए तो उनमें से कुछ हिस्सेदारी ले कर उस पैसे को वापस कर देते हैं लेकिन अगर हार गए तो उस पैसे को निश्चित और तय समय सीमा के अंदर चुकाना होता है।