Bhrastachar: मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में पीएम उज्जवला योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। केंद्र सरकार की महत्वाकांछी पीएम उज्ज्वला योजना में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कलेक्टर विकास मिश्रा ने जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
यह था पूरा मामला
Bhrastachar: पूरा मामला ग्रामपंचायत खरगहना का है जहां तीस से ज्यादा उज्जवला योजना की हितग्राही गैस कनेक्शन पाने के लिए करीब पांच साल से गैस एजेंसी के चक्कर काटने को मजबूर हैं। महिलाओं का कहना है की उज्जवला योजना का लाभ दिलाने के एवज में करीब पांच साल पहले उनसे तमाम दस्तावेज व औपचारिकताएं पूरी करा ली गई थी लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाया। महिलाओं का कहना यह भी है की योजना का लाभ दिए बिना ही उन्हें सरकारी दस्तावेजों में पीएम उज्ज्वला योजना का हितग्राही बना दिया गया है।
Bhrastachar: खरगहना ग्रामपंचायत कार्यालय की दीवारों में बड़े बड़े अक्षरों से पीएम उज्ज्वला योजना के हितग्राहियों की संख्या 168 लिखा गया।है जबकि गांव में एक दो नहीं बल्कि तीस से भी अधिक ऐसी महिलाएं हैं जो पात्र होते हुए भी पीएम उज्ज्वला योजना के लाभ से वंचित हैं। महिलाओं का दावा है की सरकारी दस्तावेजों में उन्हें उज्ज्वला योजना का हितग्राही तो दर्शा दिया गया है जबकि उन्हें योजना का लाभ मिला ही नहीं है।
Bhrastachar: महिलाओं ने बताया की करीब पांच साल पहले पास के गांव में पीएम उज्जवला योजना का शिविर लगाया गया था जहां उनसे योजना के फ़ार्म भरवाए गए और फिर गैस एजेंसी में आधार कार्ड,समग्र आईडी की कॉपी जमा कराकर KYC के लिए थंब भी लगवा लिया गया। लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाया।
वही महिलाओं का कहना है की इन पांच सालों में वे अपने गाँव से करीब 15 किलोमीटर दूर गाड़ासरई कस्बे स्थित गैस एजेंसी कई बार गए लेकिन एजेंसी संचालक के द्वारा तरह तरह के बहाने बनाकर वापस लौटा दिया जाता है जिससे हताश होकर अब महिलाओं ने एजेंसी जाना बंद भी कर दिया है। गांव की महिलाओं ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन से लेकर जिलाप्रशासन से भी की है। बारिश के मौसम में खरगहना गांव की महिलाएं गीली लकड़ियों को जलाकर धुएं के गुबार में खाना बनाने को मजबूर हैं।
शुभम साहू,कंप्यूटर आपरेटर,साहू गैस एजेंसी गाड़ासरई ने जानकारी देते हुए बताया है की पीएम उज्जवला में फर्ज़ीवाड़े की पड़ताल करते जब हम गाड़ासरई स्थित साहू गैस एजेंसी पहुंची और वहां मौजूद कर्मचारियों से खरगहना गांव की महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन नहीं दिए जाने को लेकर सवाल किया। तब उसने बताया की एजेंसी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले शुभम ने हमें खरगहना गांव के करीब पचास कार्ड दिखाते हुए बताया की ये कार्ड उज्जवला योजना के हितग्राहियों के बनकर तैयार हैं, लेकिन वे इसे लेने नहीं आ रहे हैं।
पांच साल गुजर जाने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिलने के सवाल पर कंप्यूटर ऑपरेटर ने सफाई देते हुए बताया की तकनीकी समस्याओं के कारण खरगहना गांव में कई हितग्राहियों को कनेक्शन का वितरण नहीं किया जा सकने की बात कर रहे हैं हालांकि अब एजेंसी संचालक जल्द ही खरगहना गांव जाकर महिलाओं को गैस कनेक्शन देने की बात कर रहे हैं।
वहीं पूरे मामले को लेकर डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया है कि जिस साहू गैस एजेंसी पर पीएम उज्जवला योजना में फर्ज़ीवाड़े करने के आरोप लग रहे हैं ये वही एजेंसी है जिसके खिलाफ वर्ष 2022 में भी पीएम उज्जवला में फर्जीवाड़ा किये जाने को लेकर खाद्य विभाग के अधिकारीयों ने एफआईआर दर्ज़ कराई थी। खरगहना गांव में पीएम उज्जवला योजना में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कलेक्टर विकास मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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