Indian history:150 साल पहले ऐसा था चारमीनार,फोटो हुई वायरल
Indian history : भारत देश में अजूबों की कमी नहीं है अजूबा में से एक नहीं कई अजूबे भारत देश में पाए जाते हैं. लेकिन आज भी कई ऐसी इमारतें हैं जिन्हें देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं उनकी कलाकृतियों उनकी बनावट उनके साज सज्जा को देखकर लोग आज भी हैरान हैं। जिसने भी यह देखा वह हैरान रह गया उसके बाद किसी को और कुछ देखने की जरूरत ही नहीं पड़ी है।
Indian history : भारत देश के मुगलों से जुड़ा हुआ एक शहर है जिसका नाम हैदराबाद है। मुगल इसे अपनी राजधानी के रूप में मानते थे जहां पर जितने भी मुगल सम्राट आए हैं वह लगभग हैदराबाद को अपनगढ़ समझ कर रखा करते थे। आज भी यहां मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है जिसके बाद इस क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र इसे घोषित कर दिया गया है।
लगभग विधायक हो या सांसद हो या नगर पालिका या नगर निगम का अध्यक्ष हो लगभग सभी लोगों में से सिर्फ मुस्लिम लोग ही यहां सीट जीतकर आते हैं। यानि कहने का तात्पर्य यह है कि मुगल काल हो या आज का राजनीतिक युग हो लगभग राजनीति और मुगल काल में मुसलमानों का ही यहां बोलबाला रहा है।
150 साल पुरानी है यह फोटो
आज जो यह फोटो आप देख रहे हैं वह लगभग 150 साल पुरानी बताई जा रही है। जहां यह फोटो सोशल मीडिया में खूब सुर्खिया बटोर रही है इसे देखकर आज भी लोग इसकी खूबसूरती के आगे नतमस्तक हो रहे हैं। हालांकि उसे समय बड़ी-बड़ी बिल्डिंग नहीं थी। लेकिन इस चारमीनार को देखने के बाद लोग इसे और भी अधिक बेहद ही खूबसूरती के साथ देखने के लिए आते हैं।
Indian history : पुरातत्व विभाग ने किया है इसे शामिल
भारत देश की अमूल्य धरोहर में से एक यह है मीनार है जिसे पुरातत्व विभाग ने संजो कर रखा है। इसका रंग फीका न पड़ने पे इस पर कोई भी अव्यवस्था ना हो और कोई भी व्यक्ति इस पर अपना आधिपत्य ना जमा इसके लिए एक विभाग का ही निर्माण कराया गया था। यहां पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित किया है और इसे आम लोगों के लिए सिर्फ देखने मात्र को खोल है। जहां आज भी पूरे भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग आते हैं और हैदराबाद में इस चारमीनार को देखकर इसकी खूबसूरती को अपनी आंखों में और अपने कमरे में कैद करते हैं।
हालांकि यहां जो बस्तियां बसाई की हैं वह पहले से ही बसी हुई थी लेकिन आज उनकी छत पक्की हो गई है और वह करीब 10 मंजिला और 20 मंजिला तक बढ़ गई है। यानी सिर्फ स्वरूप बदला है लेकिन चारमीनार का स्वरूप यस का तस है उसे लोग आज भी वैसे ही देखते हैं जैसे पुराने समय पर देखा करते थे।