Bandhavgarh: हाथियों के मूवमेंट को देखने के लिए किया जा रहा अब कॉलर सैटेलाइट का उपयोग
उमरिया तपस गुप्ता
Bandhavgarh: उमरिया जिला हाथियों के लिए कब प्रकाश बन गया था जिसके बाद अब सभी प्रशासन और अन्य क्षेत्र के अधिकारियों ने उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए तरह-तरह के प्रयास करने शुरू कर दिए। जहाँ उमरिया जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे जंगली हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखने हेतु सेटेलाईट कॉलरिंग प्रयोग सफल रहा है। बताया गया है कि बीते मार्च महीने मे उत्तर वन मण्डल शहडोल के परिक्षेत्र जयसिंहनगर अंतर्गत वनचाचर बीट से रेस्क्यू कर लाये गये थे।
Bandhavgarh: वही जंगली हांथी को बीते 2 मार्च 2024 के दिन उक्त सेटेलाईट कॉलर लगाया गया था। इस प्रक्रिया के उपरांत हांथी को वन परिक्षेत्र ताला की दमना बीट मे छोड़ा गया। अधिकारियों के मुताबिक सेटेलाईट कॉलर की मदद से हांथी को जंगल मे अंदर जाते हुए प्रत्यक्ष रूप से देखा गया। यह प्रक्रिया बेहद ही शानदार समझ में आ रही थी इसीलिए इसका प्रयोग अब पूरे प्रदेश में करने का सरकार सो रही है जिसमें अब उनके मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी इसके बाद लोगों के लिए भी यह खतरे का सबब जो बन गए थे उन पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
Bandhavgarh: हाथी कहां है क्या कर रहे हैं और कहां जा रहे हैं इसकी सारी जानकारी उसे सैटेलाइट कलर के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है जिसके बाद अब इसके और भी प्रभावित कदम उठाने के लिए सरकार अब सभी टाइगर रिजर्व क्षेत्र और हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में किया जाएगा।
Bandhavgarh: इस प्रक्रिया के समय क्षेत्र संचालक, डॉ. नितिन गुप्ता, सहायक संचालक ताला, परिक्षेत्र अधिकारी ताला, सांकेत भाले डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, डॉ. शुभांकर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, डॉ. प्रशांत देशमुख डब्ल्यूसीटी तथा परिक्षेत्र ताला के स्टाफ उपस्थित रहे थे।
Bandhavgarh: आपको बता दे कि टाईगर रिजर्व मे किसी भी जंगली हाथी की कालरिंग का कार्य पहली बार किया गया है। हांथी के वनक्षेत्र मे विचरण पर अध्ययन करने की दिशा मे यह पहल बेहद उपयोगी साबित होगी।