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Crime News: कागज़ों में बंद कर्तव्य, जाम में डूबा उमरिया जिला “अंग्रेजी की हो रही तरक्की” 

Tapas Gupta

By Tapas Gupta

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Crime News: कागज़ों में बंद कर्तव्य, जाम में डूबा उमरिया जिला “अंग्रेजी की हो रही तरक्की” 

उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)

Crime News: उमरिया ज़िले में इन दिनों अंग्रेजी शराब की अवैध पैकारी मानो कोई खुला व्यापार बन चुकी है। जिम्मेदार अफ़सर और जनप्रतिनिधि चुप्पी की चादर ओढ़े बैठे हैं, जैसे शराब नहीं, चाय बंट रही हो। स्थिति यह है कि गाँव-गाँव तक ठेकेदारों की अवैध सप्लाई पहुंच रही है और कानून की आंखों पर काली पट्टी बंधी हुई है।

Crime News: स्थानीय सूत्रों की मानें तो शराब ठेकेदार अब केवल दुकान तक सीमित नहीं रहे। वे अब मोहल्लों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में खुद ‘डिलीवरी बॉय’ बनकर शराब बेच रहे हैं। यह अवैध धंधा न केवल कानून का मजाक बना रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को शराब की गिरफ्त में धकेल रहा है।

Crime News: विडंबना देखिए कि जिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस पर रोक लगाने की जिम्मेदारी है, वे या तो अनजान बने हुए हैं या फिर उन्हें “मौनव्रत” का वरदान मिला हुआ है। आम जनता सवाल करती है कि क्या इन लोगों को दिखता नहीं, या देख कर भी अनदेखा किया जा रहा है?

Crime News: युवाओं में शराब की लत तेजी से बढ़ रही है। पहले स्कूल-कॉलेजों के सामने पान-गुटखा बिकता था, अब कुछ जगहों पर शराब के अड्डे सजने लगे हैं। शिक्षा की बातें करने वाले मंचों पर बैठे लोग भी आंखें मूंदे हैं। किसी को इस बात की फिक्र नहीं कि इस नशे की आग में एक पूरी पीढ़ी झुलस रही है।

Crime News: कुछ जागरूक नागरिकों और पत्रकारों द्वारा आवाज उठाई गई, पर जवाब में मिला या तो हम ने कारवाई कि है का बहाना या हमें इसकी जानकारी नहीं थी जैसी औपचारिक प्रतिक्रिया। ज़ाहिर है, या तो सूचना तंत्र ही नाकाम है या फिर नीयत में खोट है।

Crime News: उमरिया का यह चित्र साफ दिखाता है कि कैसे शराब माफिया प्रशासन की नाक के नीचे अपने धंधे को बढ़ा रहे हैं और युवा वर्ग को अपना स्थायी ग्राहक बना रहे हैं। वक्त रहते यदि इस पर रोक नहीं लगी तो वह दिन दूर नहीं जब ज़िले का नाम ‘अंग्रेजी शराब वितरण केंद्र’ के रूप में जाना जाएगा।

Crime News: शराब पर सख्ती के नारे कागज़ों तक सीमित हैं, ज़मीनी हालात कुछ और ही कहानी कहते हैं। सवाल यही है क्या अफ़सर और नेता इस नशे की राजनीति से बाहर आकर सच में कुछ करेंगे या बस मदिरा-मुक्ति सप्ताह मनाकर फिर अगले जाम का इंतज़ार करेंगे?

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मै तपस गुप्ता 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है। मो-7999276090

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