जीएसटी बदलाव से ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में खलबली, डीलरों पर बढ़ा दबाव
देश का वाहन उद्योग इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। आगामी 21 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू होने वाली हैं और इसके असर से ऑटोमोबाइल सेक्टर में अस्थिरता बढ़ गई है। डीलरों के पास इस समय करीब 6 लाख गाड़ियों का स्टॉक पड़ा है जिसे खत्म करने के लिए वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट, मुफ्त एक्सेसरीज और अलग-अलग स्कीम की घोषणा की जा रही है।
Automobile:- उद्योग से जुड़े जानकार बताते हैं कि डीलरों पर पहले से ही लगभग 4,000 करोड़ रुपये की बकाया इन्वेंट्री का दबाव है। संभावना जताई जा रही है कि नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद भी करीब 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी रह सकती है। यही कारण है कि कार शोरूम पुराने मॉडल्स को निकालने के लिए 2,500 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की छूट मुहैया करा रहे हैं।
ऑटोमोबाइल के साथ-साथ इसका असर इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार पर भी देखने को मिल रहा है। कई शहरों में शॉपिंग मॉल और शोरूम में ग्राहकों की आवाजाही तो हो रही है लेकिन बिक्री बहुत कम हो रही है। ग्राहक नई दरों के लागू होने तक इंतजार कर रहे हैं, ताकि संभावित रूप से कम कीमतों का फायदा ले सकें।
Automobile:- विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कंपनियों और डीलरों के बीच बकाया भुगतान का समाधान समय पर नहीं निकला तो उद्योग और बड़ी मुश्किल में फंस सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि नई जीएसटी दरें लागू होने के बाद बाजार किस दिशा में बढ़ता है।
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