Indian history:रीवा के महाराजा का शाही ठाठ
200 साल पहले खरीदी थी 7000 डॉलर की डेमलर कार, लंदन की कंपनी ने बनाया था खास डिजाइन
Indian history:रीवा के महाराजा गुलाब सिंह जू देव बहादुर ब्रिटिश राज के दौरान भारत के उन शाही शख्सियतों में से एक थे, जिन्होंने अपने समय की सबसे शानदार लग्जरी कारों का शौक रखा। महाराजा विशेष रूप से हिस्पानो-सुइज़ा, रोल्स-रॉयस और डेमलर जैसी लग्जरी कारों के शौकीन थे। डेमलर उस समय ब्रिटिश शाही परिवार का पसंदीदा ब्रांड था।
महाराजा की सबसे खास कारों में से एक डेमलर थी, जिसे उन्होंने 1,400 पाउंड (करीब 7,000 डॉलर) में खरीदा था। यह कार स्लीव-वाल्व छह-सिलेंडर इंजन से लैस थी, जिसकी पावर 45 एचपी थी। इस कार को लंदन की प्रतिष्ठित बार्कर एंड कंपनी को भेजा गया था, जहां महाराजा की विशेष मांगों के अनुसार इसे एक खूबसूरत ‘सैलून कैब्रियोलेट’ में तब्दील किया गया।
यह कार न सिर्फ उस समय की तकनीकी उन्नति का प्रतीक थी, बल्कि भारतीय रियासतों में मौजूद वैभव और विलासिता की भी गवाह थी। महाराजा की यह कार उनकी शाही शान का प्रतीक थी, जो आज भी भारतीय इतिहास के एक रोचक पहलू को दर्शाती है।
Indian history: जहां इस कार की खास बात यह है कि यह काफी महंगी हुआ करती थी और उसे समय के सबसे बड़े राजा महाराजाओं के शौकीन हुआ करती थी अंग्रेजों को यह काफी पसंद थी जिसके बाद सभी अंग्रेजों ने इसे भारत आने में कुछ दिन तक के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया था।
महाराज की सबसे खास बात यह है कि वह भोग विलासिता में इतने मशगूल थे कि उन्होंने लगभग वह हर चीज की जो उसे समय के परिवेश में चलती थी जब लोग घोड़े गाड़ी और हाथी का इस्तेमाल करते थे तब उन्होंने यह रोल्स-रॉयस कर को मंगवाया था। इसके बाद उनकी चर्चा पूरे देश और विदेश में होने लगी थी जहां पर रीवा के महाराजा गुलाब सिंह ही जूदेव का नाम आज भी काफी आदर और सत्कार भाव से लिया जाता है।