Mp news:साढ़े तीन करोड़ की लागत से हुआ निर्माण, भोपाल नहीं भेजना पड़ेगा सैंपल
Mp news:अमानक दवाओं और उनकी गुणवत्ता की जाँच के लिए सैंपल अब भोपाल नहीं भेजने पड़ेंगे। डुमना रोड में संभागीय खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में औषधि परीक्षण (ड्रग टेस्टिंग) की शुरुआत हो चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लैब में 12 दिसंबर से ड्रग टेस्टिंग हो रही है। फिलहाल सीमित क्षमता के साथ शुरू हुई लैब भविष्य में जबलपुर के साथ अन्य संभागों के लिए भी औषधि परीक्षण करेगी, हालाँकि खाद्य परीक्षण को लेकर अभी कार्य जारी है। लैब में 4- 4 शासकीय एनालिस्ट की पोस्टिंग हो चुकी है। जानकारी के अनुसार साढ़े तीन करोड़ रुपयों की लागत से यह लैब तैयार की गई है। निर्माण साल 2019 में शुरू हुआ था। बता दें कि तकरीबन डेढ़ माह पूर्व खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक मप्र मयंक अग्रवाल (आईएएस) ने संभागीय खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का निरीक्षण किया था। उन्होंने ड्रग टेस्टिंग की प्रक्रिया को देखने के बाद जल्द से जल्द लैब शुरू करने के निर्देश दिए थे।
Mp news:पहले थी 1 प्रयोगशाला अब प्रदेश भर में हुई 4: जानकारी के अनुसार प्रदेश में पहले भोपाल में ही एक मात्र प्रयोगशाला थी, जहाँ प्रदेशभर केसैंपल जाँच के लिए भेजे जाते थे। ऐसे में नतीजे मिलने में समय लगता था। शासन की मंशा है कि प्रदेश के 4 शहरों में इस तरह की प्रयोगशालाएँ हों, इसलिए जबलपुर के अलावा इंदौर और ग्वालियर में भी लैब बनाई गई हैं जो कि आने वाले समय में प्रदेश को 4 जोनों में बाँटकर कार्य करेंगी। जबलपुर में शहडोल और रीवा संभाग के सैंपल जाँच के लिए भेजे जाएँगे।
इंडियन फार्माकोपिया के मापदंडों पर जाँच
सूत्रों के अनुसार जबलपुर में प्रयोगशाला शुरू से जाँच के नतीजे जल्दी मिलेंगे और होने कार्यवाही में लगने वाला समय बचेगा।
• जो जाँच भोपाल में हो रही थीं, वे जबलपुर में ही हो जाएँगी। लैब में सभी तरह की अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं।
किसी कंपनी द्वारा बनाई गई टैबलेट, सिरप, •कैप्सूल, इंजेक्शन आदि में दवा की मात्रा और क्वालिटी की जाँच हो सकेगी।
• जाँच के घेरे में आई दवा इंडियन फार्माकोपिया के निर्धारित मापदंडों पर खरा उतर रही है या नहीं, यह पता चल सकेगा।
इनका कहना है
संभागीय खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में
MP news:ड्रग टेस्टिंग शुरू हो गई है। संभाग के सैंपल्स की जाँच अब यहीं हो सकेगी। सैंपल भोपाल नहीं भेजने पड़ेंगे। अनिल मर्सकुले, ड्रग टेस्टिंग एनालिस्ट, संभागीय खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला