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Bandhavgarh News: बांधवगढ़ में बाघ के आतंक से दहशत, पनपथा बैरियर पर ग्रामीणों ने किया चक्का जाम

Tapas Gupta

By Tapas Gupta

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Bandhavgarh News: बांधवगढ़ में बाघ के आतंक से दहशत, पनपथा बैरियर पर ग्रामीणों ने किया चक्का जाम

उमरिया

Bandhavgarh News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र में बाघ के लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है। बीते दो दिनों में तीन हमलों की खबरों से आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को पनपथा बैरियर पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने मांग की कि हमलावर बाघ को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, ताकि आमजनजीवन सामान्य हो सके।

तीन हमलों ने बढ़ाई चिंता

Bandhavgarh News: ग्रामीणों के अनुसार, हाल ही में बाघ के हमलों में कई मवेशी मारे गए हैं, और कुछ लोगों को भी चोटें आई हैं। लगातार हमलों के कारण ग्रामीण खेत और जंगल की ओर जाने से डर रहे हैं। बच्चों और महिलाओं को घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

प्रदर्शन और मांगें

Bandhavgarh News: गुस्साए ग्रामीणों ने पनपथा बैरियर पर एकत्र होकर सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रशासन और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों की मांग थी कि हमलावर बाघ को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा जाए या अन्य सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।

प्रशासन की समझाइश से समाप्त हुआ जाम

Bandhavgarh News: घटना की सूचना मिलते ही उमरिया एसडीओपी नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें शांत करने का प्रयास किया। एसडीओ फॉरेस्ट की टीम ने लोगों को आश्वस्त किया कि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं।

वन विभाग की ओर से कार्रवाई

Bandhavgarh News: वन विभाग ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों में कैमरा ट्रैप लगाए हैं और अतिरिक्त गश्ती दल तैनात किए हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और बाघ की पहचान कर उसे पकड़ने की योजना बनाई जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि बाघ के मूवमेंट पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौती

Bandhavgarh News: बांधवगढ़ जैसे वन्य क्षेत्रों में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं आम होती जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति अपनानी जरूरी है, जिससे न केवल ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बल्कि वन्यजीवों का संरक्षण भी प्रभावी ढंग से किया जा सके।

ग्रामीणों की मांगें जायज़ हैं और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने फिलहाल स्थिति को सामान्य कर दिया है, लेकिन यदि स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से सिर उठा सकती हैं।

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मै तपस गुप्ता 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है। मो-7999276090

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