rathore society: अधिकारियों की समझाइश भी नहीं आई काम फिर समाज से अलग 150 राठौर परिवार, कलेक्टर-एसपी से लगाई गुहार
rathore society: डिंडौरी में गुरुवार को एक बार फिर धनुआसागर गांव के 150 राठौर समाज के परिवार समाज में शामिल कराने की फरियाद लेकर कलेक्टर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे। आवेदन में लिखा की अब हमें धर्म परिवर्तन के लिए विवश न करें।
इससे पहले 16 फरवरी को कलेक्टर विकास मिश्रा, तत्कालीन एस पी अखिल पटेल, राठौर समाज के जिला अध्यक्ष कृष्णा परमार ने गांव पहुंचकर समाज में शामिल कराने का आश्वासन दिया था। कलेक्टर विकास मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने को लिखा है।
rathore society: धनुआ सागर गांव के बिहारी लाल ने बताया कि 150 साल पहले हमारे किसी पूर्वज ने अंतर्जातीय विवाह किया था। तब से हमारा परिवार समाज से बहिष्कार का दंश झेल रहा है। समाज में काफी निवेदन के बाद 2022 में समाज की बैठक कर हमें शामिल कर लिया गया। हमसे धर्मशाला में 2 लाख रुपए दान, सभी का मुंडन और सामाजिक भोज करवाया गया था।
लेकिन जैसे ही कृष्णा परमार में समाज का जिला अध्यक्ष बना तो 8 जनवरी 2023 को फिर सामाजिक बैठक कर बहिष्कार का फरमान सुना दिया गया। इसके बाद 150 परिवार को लेकर हम 13 फरवरी को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर आवेदन दिया। 15 फरवरी को कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने जिला अध्यक्ष कृष्णा परमार सहित अन्य पदाधिकारियों ने समाज में शामिल करने का ऐलान मीडिया के सामने किया था।
16 फरवरी नर्मदा जयंती के दिन गांव में सामाजिक बैठक बुलाकर बैठक में कलेक्टर विकास मिश्रा, तत्कालीन एस पी अखिल पटेल और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जिला अध्यक्ष ने समाज को संबोधित कर सब गिले सिकवे दूर करने और समाज के विकास की बात कही थी। लेकिन अधिकारियों के जाते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया।
सुकवारिया बाई ने बताया कि जिला अध्यक्ष ने हम लोगों को बुलाया और 26 फरवरी को एक पत्र देकर उमरिया, शहडोल, बिलासपुर, मुंगेली के सामाजिक पदाधिकारियों से मिलकर निमंत्रण देने को कहा। हम सभी महिलाओं ने लाडली बहना योजना से मिलने वाले पैसे से चंदा करके तीन तीन जिलों में गए।
17 मार्च 2024 को महावीर टोला बिछिया में सामाजिक बैठक बुलाई गई। लेकिन वो बैठक भी बेनतीजा रही। हम अभी भी समाज से बाहर हैं। समाधान नहीं हुआ तो क्या करेंगे, मजबूर होकर धर्म परिवर्तन करना पड़ेगा।
कलेक्टर ने एसपी को कार्रवाई करने लिखा पत्र 20 जून को कलेक्टर विकास मिश्रा ने एस पी वाहिनी सिंह को पत्र लिखा कि वर्तमान कानूनी प्रावधानों के तहत इस प्रकार सामाजिक बहिष्कार नागरिकों के मूल अधिकारों का उलंघन है। इसलिए किसी पुलिस अधिकारी से जांच करवाकर आवश्यक कार्यवाही करें। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जांच का जिम्मा एसडीओपी डिंडोरी को सौपा गया है।
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