Umaria News: कलेक्ट्रेट परिसर में दिनदहाड़े हुई 12.90 लाख की चोरी, डेढ़ महीने बाद भी आरोपी फरार ,पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
Umaria News: जिला मुख्यालय के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले कलेक्ट्रेट परिसर में डेढ़ महीने पहले दिनदहाड़े हुई 12 लाख 90 हजार की सनसनीखेज चोरी का अब तक खुलासा न हो पाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। इस हाईप्रोफाइल मामले में चोरों ने फरियादी की गाड़ी का शीशा तोड़कर नकदी और सोने के जेवर से भरे दो बैग चुरा लिए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि घटना स्थल से चंद कदमों की दूरी पर पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कार्यालय मौजूद है, फिर भी चोर बेखौफ वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।
सुरक्षा के नाम पर मज़ाक बना है कलेक्ट्रेट परिसर
Umaria News: यह घटना 15 मई 2025 की है, जब ग्राम बरही थाना नौरोजाबाद निवासी प्रमोद गुप्ता जिला कलेक्ट्रेट स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में एक संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पहुंचे थे। उनके पास 7,70,000 रुपये नकद और करीब 5,20,000 रुपये के सोने के जेवर थे। लेकिन जब वे कुछ देर के लिए गाड़ी लॉक कर रजिस्ट्री ऑफिस गए, तो लौटने पर देखा कि गाड़ी का शीशा टूटा हुआ है और दोनों बैग गायब हैं।
Umaria News: सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जिला प्रशासन का सबसे संवेदनशील परिसर ही सुरक्षित नहीं है, तो बाकी जिले का क्या हाल होगा? जिस जगह से चोरी हुई, वहीं कुछ कदम की दूरी पर जिले के पुलिस प्रमुखों का कार्यालय मौजूद है। इसके बावजूद ना तो कोई गश्त, ना ही सीसीटीवी मॉनिटरिंग, ना ही सुरक्षाकर्मी नज़र आए।
Umaria News: मामले की रिपोर्ट दर्ज हुए 45 दिनो से जादा बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। फरियादी प्रमोद गुप्ता द्वारा दी गई तहरीर में स्पष्ट रूप से घटनाक्रम और संदेहास्पद गतिविधियों का जिक्र किया गया है। बावजूद इसके पुलिस अब तक सिर्फ तफ्तीश जारी है जैसे रटे-रटाए बयान देकर खानापूर्ति कर रही है।
Umaria News: जब कोतवाली थाना प्रभारी बालेन्द्र शर्मा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि चोरों को आईडेंटिफाई कर लिया गया है, वे दूसरे राज्य के हैं, जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि अगर पुलिस को आरोपी पता हैं, तो उनकी गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों हो रही है?
संदिग्ध भूमिका पर सवाल आखिर चोरों को कैसे लगी रकम की भनक?
Umaria News: इस मामले में यह भी संदेहास्पद है कि चोरों को इस बात की जानकारी कैसे मिली कि गाड़ी में इतनी बड़ी रकम और जेवर रखे हैं? क्या किसी अंदरूनी व्यक्ति ने चोरों को सूचना दी? प्रमोद गुप्ता और उनके साथ विक्रेता लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता, अशोक सोनी व अन्य लोग भी साथ थे, जिनके साथ वे बैंक और रजिस्ट्री ऑफिस गए। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह सुनियोजित साजिश थी।
प्रशासन की चुप्पी भी संदिग्ध
Umaria News: घटना के बाद से न तो किसी अधिकारी ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा की, न ही परिसर में सीसीटीवी या निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के संकेत दिए। यह दर्शाता है कि प्रशासन इस पूरे मामले को हल्के में ले रहा है।
जनता में रोष, पुलिस पर भरोसा डगमगाया
Umaria News: इस वारदात और पुलिस की लचर कार्रवाई से आम जनता में भारी नाराज़गी है। लोगों का कहना है कि जब एसपी कार्यालय के चंद कदमो की दूरी में ऐसी वारदात हो सकती है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है, तो आम नागरिक की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।
Umaria News: अब देखना यह है कि पुलिस कब तक आरोपी को पकड़ने में सफल होती है या यह मामला भी सैकड़ों पुराने केसों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा। फिलहाल तो फरियादी को न्याय का इंतजार है ।