Sidhi news:ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन की स्वास्थ्य रिपोर्ट
संवाददाता-: अविनय शुक्ला(7723041705)
Sidhi news:ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन द्वारा “सीधी की तबियत” रिपोर्ट जारी की गयी है। ये रिपोर्ट भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) के आँकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। सीधी की तबियत जाँचने के लिए सीधी के स्वास्थ्य आँकड़ों की तुलना मध्य प्रदेश और भारत के स्वास्थ्य आँकड़ों से की गयी है। इस अध्ययन से बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सीधी ज़िला चिकित्सालय का मुख्य द्वार “सुरक्षित मातृत्व का आश्वासन” देता है।आइए देखते हैं इस रिपोर्ट का इस आश्वासन पर क्या कहना है-
*कम उम्र में विवाह*: 20-24 वर्ष की आयु की 23% महिलाओं की शादी 18 वर्ष से पहले हो गई थी।
*प्रसवपूर्व देखभाल*: केवल 39.4% माताओं को कम से कम चार प्रसवपूर्व चिकित्सकीय दौरे मिल सके।
*एनीमिया दर*: 72.5% बच्चे (6-59 महीने) और 55.8% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
*आयरन फोलिक एसिड का सेवन*: केवल 34.9% माताएं गर्भावस्था के दौरान 100 दिनों या उससे अधिक समय तक आयरन फोलिक एसिड का सेवन करती हैं।
*शिशु मृत्यु दर (आईएमआर)*: प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 41.9 है।
*पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर*: प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 49.2 है।
*महिलाओं का बीएमआई*: 22.9% महिलाओं का बीएमआई सामान्य से कम है।
*बच्चों का बौनापन और कमज़ोरी*: पांच साल से कम उम्र के 39.1% बच्चे बौने हैं और 16.6% कमज़ोर हैं।
*कम वजन वाले बच्चे*: पांच साल से कम उम्र के 32.2% बच्चे कम वजन वाले हैं।
Sidhi news:ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन के प्रवक्ता सचिन पाण्डेय ने कहा है कि भारत सरकार के ये आँकड़े जिला चिकित्सालय के सुरक्षित मातृत्व के आश्वासन पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। इस रिपोर्ट से साफ़ ज़ाहिर है सीधी में महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति बहुत गम्भीर है, ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इसका दीर्घकालिक समाधान जब होगा तब होगा, परंतु तत्काल रूप से कुछ उपाय ज़रूरी हैं। एक उपाय ये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित महिला स्वास्थ्य शिविर लगाया जा सकता है। सचिन पाण्डेय ने कहा है यदि ज़िला चिकित्सालय प्रशासन सहमत हो तो ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन इस विषय में पूर्ण सहयोग को तैय्यार है।
Sidhi news:सीधी की तबियत” रिपोर्ट का विस्तृत विवरण ऋषिकेश फ़ाउंडेशन के फ़ेसबुक पेज से देखा जा सकता है। ये आँकड़े निश्चित ही सीधी के बदहाल स्वास्थ्य ढाँचे को दुरुस्त करने में ज़िम्मेदारों के लिए मददगार साबित होंगे।