संवाददाता अनिल शर्मा
Sidhi news:श्रवण कुमार मिश्र ने जताई कड़ी आपत्ति, शिक्षकों की वास्तविक परिस्थितियों को समझने की माँग
Sidhi news:शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए “ई-अटेंडेंस” प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किए जाने को लेकर शिक्षकों में गहरा आक्रोश है। ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष श्रवण कुमार मिश्र ने इस व्यवस्था को अव्यवहारिक, अमानवीय और एकतरफा निर्णय करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ शिक्षकों पर तकनीकी बोझ डालने का काम कर रहा है, जो वास्तविक परिस्थितियों से पूरी तरह से कटे हुए निर्णयों का नतीजा है।
*दुर्गम क्षेत्रों के शिक्षक कैसे करें ई-अटेंडेंस?*
मिश्र ने बताया कि जिले और राज्य के कई शिक्षक ऐसे दुर्गम व दूरस्थ स्थलों पर कार्यरत हैं, जहाँ अब भी सड़क, पुल, नेटवर्क, और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इन हालातों में सुबह 10:30 बजे तक विद्यालय पहुंचकर ई-अटेंडेंस दर्ज करना, फिर अन्य विभागीय कार्यों के लिए बाहर जाना और शाम 4:30 बजे पुनः विद्यालय आकर उपस्थिति लगाना, शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण जैसा है।
अत्यधिक दबाव, दुर्घटनाओं का खतरा
उन्होंने चेताया कि ऐसी भागदौड़ में कई शिक्षक दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। पेट्रोल खर्च बढ़ेगा, समय की बर्बादी होगी और शिक्षकों का ध्यान शिक्षण से हटकर उपस्थिति दर्ज कराने की दौड़ में लगा रहेगा। इसके अलावा, मोबाइल फोन की समस्याएँ – जैसे बैटरी खत्म होना, नेटवर्क का अभाव, डिवाइस का खराब होना, ऐप का ठीक से काम न करना, मोबाइल चोरी या खो जाना – आम बात है। फिर भी ई-अटेंडेंस को अनिवार्य बनाना शिक्षकों के साथ अन्याय है।
*अन्य विभागों में क्यों नहीं?*
Sidhi news:मिश्र ने सवाल उठाया कि अगर ई-अटेंडेंस इतना आवश्यक और पारदर्शी साधन है, तो यह व्यवस्था अन्य विभागों में क्यों नहीं लागू की जा रही? सिर्फ शिक्षकों को इसके दायरे में लाकर उन्हें संदेह की दृष्टि से देखना, एक तरह से पूरे शिक्षक समाज को चोर और लापरवाह साबित करने की कोशिश है, जो बेहद अपमानजनक है।
*मोबाइल भत्ता क्यों नहीं?*
उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार शिक्षकों से अपने निजी मोबाइल से ई-अटेंडेंस करवाना चाहती है, तो क्या वह मोबाइल भत्ता, डेटा खर्च, और मोबाइल डिवाइस का मेंटेनेंस दे रही है? अगर नहीं, तो यह व्यवस्था पूरी तरह से एकपक्षीय और तानाशाही है।
*एसोसिएशन का विरोध जारी रहेगा*
Sidhi news:ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक शासन इस निर्णय को वापस नहीं लेता या इसमें व्यावहारिक सुधार नहीं करता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। संगठन ने मांग की है कि सरकार शिक्षकों की वास्तविकता को समझे, ई-अटेंडेंस को वैकल्पिक बनाए और समान रूप से सभी विभागों पर लागू करे।
