Sidhi news:सीधी पुलिस अधीक्षक डा रविंद्र वर्मा के कुशल निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अरविन्द श्रीवास्तव के कुशल मार्गदर्शन एवं उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय के नेतृत्व में महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक, उत्पीड़न निवारण प्रतिबंधन एवं प्रतितोषण अधिनियम के अंतर्गत महिला पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की बैठक का आयोजन किया गया।
Sidhi news:बैठक में उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती गायत्री तिवारी, थाना प्रभारी कोतवाली निरी0 पुष्पेंद्र मिश्रा, थाना प्रभारी यातायात निरी0 रीता त्रिपाठी, थाना प्रभारी महिला थाना निरी0 सुशीला साकेत, श्रीमती उमा सेन (NGO कार्यकर्ता ममत्व मण्डल सीधी, वन स्टाप सेंटर से श्रीमती पुष्पलता शर्मा एवं पुलिस स्टाफ मौजूद रहा।
Sidhi news:कार्यक्रम में महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक, उत्पीड़न निवारण प्रतिबंधन एवं प्रतितोषण अधिनियम के अंतर्गत जानकारियां दी गई जिसमें ‘प्रत्येक संगठन को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) नियम, 2013 के नियम 14 में निर्धारित अनुसार प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में जिला अधिकारी को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।, नियोक्ताओं के लिए दंड निर्धारित किए गए हैं। अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने पर ₹ 50,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है ।, बार-बार उल्लंघन करने पर अधिक जुर्माना लगाया जा सकता है और व्यवसाय करने के लिए लाइसेंस रद्द या पंजीकरण रद्द किया जा सकता है, सरकार किसी भी संगठन में यौन उत्पीड़न से संबंधित कार्यस्थल और अभिलेखों का निरीक्षण करने के लिए किसी अधिकारी को आदेश दे सकती है।
Sidhi news:इस अधिनियम के तहत, जिसमें स्कूल और कॉलेज के छात्र और अस्पताल के मरीज भी शामिल हैं, नियोक्ताओं और स्थानीय अधिकारियों को सभी शिकायतों की जांच के लिए शिकायत समितियां बनानी होंगी। ऐसा न करने वाले नियोक्ताओं पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा । यदि शिकायतकर्ता द्वारा अनुरोध किया जाता है तो शिकायत समितियों को जांच शुरू करने से पहले सुलह की व्यवस्था करनी होती है।, अधिनियम के तहत जांच प्रक्रिया गोपनीय होनी चाहिए और गोपनीयता भंग करने वाले व्यक्ति पर अधिनियम में 5000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।,अधिनियम के अनुसार नियोक्ताओं को अन्य दायित्वों के साथ-साथ शिक्षा और संवेदनशीलता कार्यक्रम आयोजित करने और यौन उत्पीड़न के विरुद्ध नीतियाँ विकसित करने की आवश्यकता होती है। जागरूकता निर्माण का उद्देश्य परिसर में प्रदर्शित बैनर और पोस्टर, कर्मचारियों, प्रबंधकों और आंतरिक समिति के सदस्यों के लिए ई-लर्निंग पाठ्यक्रम, कक्षा प्रशिक्षण सत्र, ईमेल के माध्यम से संगठनात्मक यौन उत्पीड़न नीति का संचार, ई-लर्निंग या कक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। यह अनुशंसा की जाती है कि ई-लर्निंग या कक्षा प्रशिक्षण कर्मचारी की प्राथमिक संचार भाषा में दिया जाए।