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Sidhi news:जिला अस्पताल की पूरी व्यवस्था ध्वस्त, अंधेरे में मरीज

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news:3-3 घंटे अंधेरे में रहता है जिला अस्पताल-डीजल की बचत करने नही चालू किया जाता जनरेटर

संवाददाता-: अविनय शुक्ला

Sidhi news:जिला चिकित्सालय की लचर व्यवस्था किसी से छिपी हुई नही है यहां की व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के लिए जनप्रतिनिधियों के प्रयास सिर्फ भाषणबाजी तक सीमित देखे जा रहे है। जिला चिकित्सालय में इन दिनो बिजली फाल्ट के नाम पर 3-3 घंटे बिजली गोल रहती है जबकि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जनरेटर तो है लेकिन डीजल की बचत करने उसको चालू नहीं किया जाता है। जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं इन दिनो भगवान भरोसे चल रही है। जिले का यह अस्पताल अपनी मूलभूत समस्याओं के साथ-साथ चिकित्सकों के अभाव से जूझ रहा है। अस्पताल में इन दिनो बिजली की समस्या बनी हुई है यहां तीन-तीन घंटे बिजली गायब रहती है और जनरेटर भी डीजल की बचत में बंद पड़ा रहता है पर जनरेटर के डीजल के नाम पर हर माह लाखो रूपये का खेल खेला जाता है। बिजली विभाग द्वारा जिला चिकित्सालय के लिए एकअलग ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की गई है कि यहां की बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे लेकिनअस्पताल प्रबंधन इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित नहीं करवा पा रहा है। जिससे जिले काअस्पताल अंधेरे में डूबा रहता है और इसके बारे में अस्पताल प्रबंधन को कानो कान खबर नहीं लग पाती है।

Sidhi news:आये दिन बनती है विवाद की स्थिती-: जिला अस्पताल में आये दिन मरीज के परिजनों व स्वास्थ्य अमले केबीच विवाद की स्थिती बनती देखी जाती है। जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि समय से मरीजो को उपचार नही मिल पाता है और स्वास्थ्य अमले की लापरवाही के कारण मरीज की हालत बिगड़ जाती है तब मारपीट कीनौबत आ जाती है। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके है लेकिन इन सब पहलुओं पर अस्पताल प्रबंधन ध्यान नहीं दे पा रहा है।

लाखों का डीजल पी रहा जनरेटर

Sidhi news:जिला चिकित्सालय के सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि हर माह जनरेटर लाखों का डीजल पीता है बावजूद इसके जिला चिकित्सालय अंधेरे में रहता है। बताया गया कि अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों द्वारा डीजल के नाम पर भारी गोलमाल किया जा रहा है। अगर जनरेटर के डीजल खपत की जानकारी ली जाय तो पता चल जायेगा कि हर माह कितने लीटर डीजल जनरेटर पी रहा है।

अधिकारियों का नही होता निरीक्षण

Sidhi news:जिला अस्पताल में जिम्मेदार अधिकारियों का निरीक्षण कभी नही होता है। जिम्मेदार अधिकारी जब कोई बड़ा मामला होता है तब कोरमपूर्ति के लिए पहुंचते है उसके बाद यहां झांकने तक नही जाते है कि किस प्रकार की व्यवस्था जिला चिकित्सालय में हो रही है। पूर्व के कलेक्टरों एवं अपर कलेक्टरों द्वारा जिला चिकित्सालय का भ्रमण किया जाता रहा है। लेकिन इन साहबनों का कभी भी फोन ही नही उठता तो निरीक्षण की बात तो काफी दूर है।

भाषणों तक सीमित व्यवस्था

Sidhi news:जिला चिकित्सालय की व्यवस्था जनप्रतिनिधियों के भाषणों तक सीमित रहती है। भाषण देने के बाद यह भूल जाते है कि यहां की व्यवस्था बनवानी है। जिला चिकित्सालय डाक्टरों के अभाव में जूझ रहा है बावजूद इसके डाक्टरों की पदस्थापना के लिए कोई प्रयास जनप्रतिनिधियों द्वारा नही किये जाते है। अगर जनप्रतिनिधियों द्वारा पूरे मनोयोग से प्रयास किया जाय तो जिला चिकित्सालय बेहतर रूप में विकशित हो सकता है लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों ने जिला अस्पताल को सिर्फ चारागाह बनाकर छोड़ दिया गया है।

– इनका कहना हमारे यहां इलेक्ट्रीशियन नही

Sidhi news:है जिसके कारण जनरेटर चालू नहीं हो पाया। इलेक्ट्रीशियन न होने के कारण जिला अस्पताल में लाईट की व्यवस्था खराब होने पर नही बन पाती है। हम प्रयास कर रहे है कि जल्द ही इलेक्ट्रीशियन की व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे है।

पंकज सिंह

सहायक प्रबंधक जिलाचिकित्सालय

Sidhi news:इस मामले की जानकारी नही मिली है आपके द्वारा जानकारी दी गई है तो हम सिविल सर्जन से बात करतेहै कि लाईट क्यों नहीं थी। श्रीमती सुनीता तिवारी, सीएमएचओ सीधी।

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