Rewa history:रीवा के महाराजा ने करवाया था इस बड़े तालाब का निर्माण
Rewa history : बात इतिहास की हो और अलग-अलग राज्यों की ना हो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हर राज्य का एक अलग इतिहास हुआ करता था जिसके बाद उसे राज्य का व्याख्यान लोग किया करते थे। जहां आज भारत देश के मध्य प्रदेश के रीवा जिले का आज हम इतिहास जानेंगे पहले यह रियासत रीवा रियासत के नाम से जाना जाता था। इसका इतिहास काफी अनोखा और रोचक है जिसने भी इसे पढ़ा और जाना वह हैरान रह गया।
कई अनेक प्रतापी राजा यहां पैदा हुए थे जिसकी आज नहीं बल्कि सैकड़ो वर्ष पुरानी संपदा के रूप में उसे सहेज कर लोगों ने अभी तक रखा हुआ है। आज भी रीवा राज करने के लोग काफी अमीर हैं और खासकर उनके दिल इतना बड़ा है कि वह आज भी अपनी प्रजा पर प्यार लुटाते रहते हैं।
Rewa history : व्याघ्र देव ने बसाया था यह पूरा वंश
उस समय रीवा में कोई राजा महाराजा नहीं थे जहां बघेल वंश ने उसकी नींव यहां रखी थी। व्याघ्र देव नाम के एक राजा यहां अकेले आए हुए थे जहां उन्होंने अपना साम्राज्य स्थापित किया उन्होंने बघेल बस्ती का निर्माण कराया। धीरे-धीरे यह बघेल बस्ती काफी समृद्ध होती चली गई और यह अलग-अलग क्षेत्र में जाकर बस्ती चली गई जहां सामंत की तरह यह पूरी तरह से पूरे बघेलखंड के क्षेत्र में पहुंच गए। जहां व्याघ्र देव के वंशज इसके महाराज हो गए और उनकी ही वंशज अभी तक रीवा राजघराने में राज करते आए हैं।
Rewa history : गोविंदगढ़ में स्थापित था किला
बघेलखंड के प्रतापी राजाओं में से कई प्रतापी राजा यहां हुए लेकिन उनकी जो रहने का स्थान था वह गोविंदगढ़ में ही स्थापित था यहां बेहद शानदार विहंगम दृश्य वाला हर जगह है चारों ओर केवल पर्यावरण और प्रकृति से जुड़ा हुआ वातावरण स्थापित किया हुआ था। गोविंदगढ़ में आज भी उनके किले को सहयोग कर रखा गया है जहां पर इस किले का अब संरक्षण खुद सरकार करती है। यहां आज भी कई अद्भुत कलाकृतियां है और इसके निर्माण की वास्तुकला को देखकर आज भी लोग हैरान हो जाते हैं।
Rewa history : बड़े तालाब का किराया था निर्माण
रीवा राज्य में कभी पानी का संकट ना हो और लोगों को प्यास लगे तो इस क्षेत्र में आकर वह अपनी प्यास बुझा सकते हैं ऐसा निर्माण उसे समय की प्रतापी राजाओं में से एक राजा ने करवाया था। जहां रीवा में आज भी मध्य प्रदेश के बड़े तालाबों में से एक गोविंदगढ़ का तालाब स्थित है। जिसकी लंबाई और चौड़ाई वर्ग फीट में नहीं है बल्कि किलोमीटर में नापी जाती है। आज भी यहां लाखों हेक्टेयर में बना हुआ तालाब है जो लोगों की प्यास बुझाता है। इस तालाब का पानी आज तक कभी नहीं सुखा है। कितना भी सुख का दौरा आ गया हो लेकिन इस पानी को आज तक किसी ने खत्म होते नहीं देखा।
Rewa history : 150 साल पुरानी फोटो हुई वायरल
सोशल मीडिया को खंगाल थे खंगाल ते 150 साल पुरानी इस विहंगम दृश्य की फोटो आज वायरल हो रही है जो ब्लैक एंड व्हाइट में है। यह फोटो गोविंदगढ़ तालाब के बीच से ली गई है जहां पर बीच में अंग्रेज फोटोग्राफर नाव के माध्यम से खड़े हो गए थे और फिर गोविंदगढ़ तालाब से ही गोविंदगढ़ किले की तस्वीर ली गई है जो आज सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है।