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Sidhi news:फिर मत कहना बताया नहीं! कि गूंगे-बहरे-अंधे है जन प्रतिनिधि- उमेश तिवारी

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news:सीधी जिले के जिला अस्पताल को निजी हाथों में सौपने के विरोध में लिखा पत्र।

Sidhi news:टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने जिला चिकित्सालय सीधी को निजी हांथो में सौपने को आम जनता के हितों के विपरीत बताया है। आम जन हेतु घातक कृत्य को रोकने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी को पत्र लिखकर कहा है की प्रत्येक जिले की आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मुख्य रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निर्भर रहती है और जनता को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना सरकार और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है। सीधी जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जिला अस्पताल को निजी हितधारकों को देने की प्रक्रिया राज्य शासन द्वारा शुरू की गई है। प्रत्येक जिले में जिला अस्पताल जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र होता है और यहाँ से सार्वजनिक स्वास्थ्य की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन होता है और साथ ही साथ जिले की गरीब और जरूरतमन्द जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को पाने का एक महत्वपूर्ण संस्थान है।

Sidhi news:जिला अस्पताल को निजी हाथों में देने से जिले की जनता के लिए यह एक घातक कदम होगा और जनता की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निजी संस्थानो को प्राथमिकता देना और अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों से पीछे हटना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। प्रदेश के 10 जिला अस्पताल कटनी, मुरैना, पन्ना, बालाघाट, भिंड, धार, खरगोन, सीधी, टिकमगढ़ और बेतुल को निजी हांथो में सौंपा जा रहा है। श्री तिवारी ने कहा की संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार स्वास्थ्य राज्य का विषय है और इसके अनुसार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी और कर्तव्य है। वर्ष 2006 में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा सीधी  को देश सबसे अधिक पिछड़े 250 जिलों की सूची में शामिल किया  गया था और सीधी प्रदेश के उन 24 जिलों में शामिल है जिसे केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत अनुदान मिल रहा है। यहाँ की लगभग 36.35% आबादी अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति की है, और इन सभी के लिए जिला अस्पताल स्वास्थ्य  सेवाएँ पाने का महत्वपूर्ण स्थान है। 

Sidhi news:जिले में सरकार की प्राथमिकता प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने को होना  चाहिए न कि केवल मात्र एक मेडिकल कॉलेज। आज भी जिले में उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आबादी की तुलना और मानकों के अनुसार कम है, इसलिए इन संस्थानो कि उपलब्धता बढ़ाना और मौजूदा संस्थानों को मजबूत करना आज की प्राथमिकता है। जिले में मेडिकल कालेज खोलने के लिए जिला अस्पताल का निजीकरण करना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार या अच्छी सेवाओं की गारंटी नहीं है बल्कि यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को कमजोर करने की दिशा मे एक बड़ा कदम होगा और यह जिले की जनता को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं से दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जिला अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थान को निजी हाथों मे देने से पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के क्रियान्वयन में मुश्किले हो सकती है। खासकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसे टिकाकरण और अन्य।

Sidhi news:हम जनप्रतिनिधियों की चुप्पी की निंदा करते है और सरकार के इस जनविरोधी कदम का विरोध करते है, शासन का यह प्रयास सीधे सीधे स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है जो कि सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र के लिए खतरा साबित हो सकता है और प्रदेश में पहले से ही मजबूत निजी स्वास्थ्य तंत्र और मजबूत होगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र कमजोर होगा। जिसका सीधा असर जनता के स्वास्थ्य पर होगा और जिला अस्पताल की सेवाओं पर निर्भर जनता को मजबूरन निजी स्वास्थ्य संस्थानो से स्वास्थ्य सेवाएँ लेना पड़ेगी।

Sidhi news:श्री तिवारी ने कहा की हम आपसे मांग करते है कि जिला अस्पतालों को निजी हाथों में देने वाली इस प्रक्रिया को तुरत्न बंद किया जाए ।साथ ही जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र मे हो रहे निजकरण को सभी स्तर पर बंद किया जाए।आज जरूरत सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत कर जनता को बिना भेदभाव के सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने की है न कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानो को निजी हाथों में देकर केवल चुनिन्दा लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ देना है।

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