Vintage photo ने दिलाया बीते दौर का अहसास – 1950 के दशक का कनॉट प्लेस हुआ वायरल
Vintage photo : नई दिल्ली राजधानी की ऐतिहासिक पहचान माने जाने वाले कनॉट प्लेस (Connaught Place) की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर 1950 के दशक की बताई जा रही है, जब आज की भीड़भाड़ और चमक-दमक से अलग यहां सन्नाटा, सादगी और शांति का नजारा दिखाई देता था।
Vintage photo : तस्वीर में साफ झलकता है कि उस दौर का कनॉट प्लेस पूरी तरह अंग्रेज़ी स्थापत्य कला से प्रभावित था। सफेद रंग की अर्धवृत्ताकार इमारतें, लंबे बरामदे और खंभों पर टिकी संरचनाएं उस समय की शहरी पहचान को दर्शा रही हैं। खास बात यह है कि जहां आज लाखों लोगों की आवाजाही और गाड़ियों की कतारें दिखती हैं, वहीं तस्वीर में कुछेक ट्राम, साइकिलें और गिनी-चुनी गाड़ियां ही नजर आती हैं।
1950 का दशक देश की आज़ादी के शुरुआती वर्षों का दौर था। दिल्ली उस समय नई पहचान गढ़ रही थी। कनॉट प्लेस व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था, लेकिन आज की तुलना में यहां भीड़-भाड़ बेहद सीमित थी। तस्वीर में सड़कें चौड़ी और लगभग खाली दिख रही हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय ट्रैफिक और शोर-शराबा नहीं के बराबर था।
तस्वीर के वायरल होते ही लोगों ने इसे दिल्ली के सुनहरे अतीत की झलक बताया। कई यूज़र्स ने लिखा कि “कनॉट प्लेस तब यूरोप के किसी शहर की तरह लगता था” तो कुछ ने अफसोस जताया कि “आधुनिकता की दौड़ में हमने अपनी विरासत की शांति खो दी है।”
कनॉट प्लेस आज भी दिल्ली की धड़कन है ब्रांडेड शो-रूम, रेस्तरां, दफ्तर और सांस्कृतिक आयोजनों का गढ़। मगर यह तस्वीर याद दिलाती है कि कभी यही जगह सुकून और सादगी की मिसाल हुआ करती थी। इतिहासकारों के अनुसार, यह इलाका हमेशा से ही दिल्ली का कारोबारी दिल रहा है, लेकिन 1950 के दशक में यहां का वातावरण कहीं ज्यादा व्यवस्थित और शांत था।
इस विंटेज तस्वीर ने न केवल लोगों को उस दौर की दिल्ली की झलक दिखाई है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर किया है कि विकास की रफ्तार ने शहरी संस्कृति को किस तरह बदल दिया है।
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