Mp news : बुरहानपुर के सिंधीबस्ती में एक युवक ने बनाई करेले के गणपति
रक्षाबंधन पर्व का महत्व बताने वाली झांकी भी की प्रदर्शित
Mp news : महाराष्ट्र सीमावर्ती बुरहानपुर में महाराष्ट्र की तर्ज पर दस दिवसीय गणेश उत्सव मनाया जाता है शहर में 300 से अधिक सार्वजनिक गणेश उत्सव समितियों व्दारा गणेश जी की मूर्ति स्थापित की है रोजाना गणेश जी के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रध्दालु नागरिकों को आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक गणेश मंडलों व्दारा अलग अलग संदेश देने वाली झांकिया तैयार की है।
इसकी कडी में शहर के सिंधी बस्ती क्षेत्र में रहने वाले सब्जी व्यापारी व शिक्षक किशोर अडवानी व उनके एक साथी मिलकर इस बार करेले से गणपति की मूर्ति तैयार की है। उन्होने बताया गणपति जी की मूर्ति में मिट्टी लकडी के साथ साथ करेले का उपयोग किया गया है करेले से तैयार की गई।
Mp news : गणपति की मूर्ति काफी आकर्षित नजर आ रही है। करेले से गणपति मूर्ति बनाने के पीछे उद्देश्य बताते हुए किशोर आडवानी ने कहा आज व्यक्ति घर से लेकर अपने व्यापार व्यवसाय या नौकरी स्थल पर कडवे शब्दों का उपयोग कर रहा है जिससे कटूता फैल रही है रिश्तों में दरार आ रही है जिससे मनुष्य अशांत होता जा रहा है।
करेले के गणपति की मूर्ति बनाकर हम जनता को और हमारे यहां आने वाले हर दर्शनार्थी को यह संदेश दे रहे है। अपने शब्दों व वाणी में कडवाहट को त्याग दे और उसके स्थान पर मीठे बोल व शब्दों का उपयोग करें इसे जीवन की काफी अधिक पूरी समस्या हल हो जाएगी।
रक्षाबंधन की झांकी दे रहा संदेश
करेले के गणपति के ही पास में उन्होने रक्षाबंधन पर्व की एक झांकी तैयार की है इसमें उनका कहना है रक्षा बंधन से त्यौहारों की शुरूआत होती है। आजकल रक्षा बंधन में भाई अपनी बहन से अपनी कलई पर रक्षा सूत्र बंधवा कर होटल रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाते है जबकि रक्षाबंधन का महत्व काफी अलग है। झांकी के माध्यम से उन्होने बताया देवों के समय कैसे रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता था और देव अपनी बहनों की किस तरह रक्षा करते थे उसका भी चित्रण भी किया गया है।
करेले से बने गणपति और रक्षा बंधन की झांकी देखकर यहां दर्शन करने वाले नागरिक काफी प्रभावित हो रहे है। नागरिकों ने भी माना गणेश उत्सव में इसी तरह की झांकिया बनाई जानी चाहिए जिसमें संदेश के साथ साथ मनोरंजन भी होता है।