Sidhi news: लिलवार घोटाले पर सिर्फ रोजगार सहायक को बनाया गया था मोहरा-मामले में कई अधिकारी व कर्मचारी निकले थे दोषी
संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)
Sidhi news: जिले के पंचायतीराज में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि जनप्रतिनिधियों तक को भी यहां के अधिकारी किनारे कर दे रहे है। पूर्व मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सिहावल जनपद के लिलवार ग्राम पंचायत में हुये घोटाले पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया गया था लेकिन सिर्फ रोजगार सहायक को बलि का बकरा बनाते हुए अन्य दोषियों को सिर्फ नोटिस जारी कर इतिश्री कर ली गई।
Sidhi news: बता दें कि जनपद पंचायत सिहावल अन्तर्गत लिलबार में मनरेगा अन्तर्गत हुए भ्रष्टाचार की जांच तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री कमलेश्वर पटेल द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण क्रमांक 581 सत्रमार्च 2018 में लगाया था जिसके बाद जिले के अधिकारी हरकत में आये और पूरे मामले की जांच की गई जांच में रोजगार सहायक के साथ नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी दोषी पाये गए थे तब तत्कालीन कलेक्टर दिलीप कुमार द्वारा थोक के भाव शो-काज नोटिस जारी की गई थी। लेकिन रोजगार सहायक की सेवा समाप्त करने के अतिरिक्त किसी भी अन्यअधिकारी से खयानत की राशि वसूल नहीं की गई। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री, सहायक यंत्री, सचिव, सहायक लेखा अधिकारी के साथ तत्कालीन सीईओ सिहावल की भूमिका पूरेमामले में संदग्धि पाई गई थी लेकिन कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी गई।
ध्यानाकर्षण पर बनी थी कमेटी
Sidhi news: पूर्व मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कमलेश्वर पटेल द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण क्रमांक 581 में पूछा गया था कि ग्राम पंचायत लिलवार में पाई गई अनियमित्ता में क्या कार्रवाई की गई। तब सीईओ सिहावल, विश्वासचन्द्र श्रीवास्तव कार्यपालन यंत्री ग्रा.या. से, आरसी सिंह उपयंत्री जपं रामपुर नैकिन एवं आरबी नागर उपयंत्री जनपद पंचायत कुसमी के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी द्वारा 4 लाख 81 हजार 829 रूपये की अनियमित्ता पाई गई थी जिस पर श्रीमती माया तिवारी संविदा रोजगार सहायक की सेवा समाप्त कर दी गई एवं मुरलीधर अहिरवार, एचआर कोष्ठी, सहायक यंत्री के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करनेआरोप पत्र रीवा भेजा गया था। वहीं खुर्शीद अहमद, अखिलेश नारायण मौर्य, अनित कुमार दीपांकर को नोटिस जारी की गई। एसएस तिवारी कनिष्ठ उपयंत्री को जिला स्तर से आरोप पत्र जारी किया गया। सतीश गुप्ता के विरूद्ध जिला पंचायत स्तर से नोटिस जारी कर जबाव चाहा गया तथा श्रीमती अतिमा कोल सरपंच, सतीश गुप्ता सचिव एवं माया तिवारी के विरूद्ध धारा 40 एवं 92 तथा 89 की कार्रवाई प्रक्रियारत की गई थी। लेकिन पांच साल बाद भी सिर्फ रोजगार सहायक के अतिरिक्त एक भी दोषियों के ऊपर न तो कार्रवाई करने की जरूरत समझी गई और न ही राशि वसूली जिले में बैठे अधिकारियों द्वारा करने की जरूरत नहीं समझी गई।