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Sidhi news:वर्गफिट में भूमि का बंटवारा कर दिया जा रहा लाखों का मुआवजा

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news:रेलवे के खंड अभियंता एवं पटवारी के स्वार्थ से शासन को लाखों की चपत

Sidhi news:रीवा-सिंगरौली नवीन रेल परियोजना में ज्यादा मुआवजा के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने का खेल निर्बाध रूप से हुआ। ऐसा ही मामला रामपुर नैकिन तहसील के ग्राम पटेहरा का सामने आया है। जिले के रामपुर नैकिन ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पटेहरा में निकलने वाली रेल लाइन का भू-अर्जन रेलवे विभाग द्वारा पूर्व में ही अधिग्रहीत करा लिया गया था। वहीं रीवा-सीधी सिंगरौली नई बी.जी. रेल लाइन परियोजना के एलायमेंट में रेलवे विभाग के वरिष्ट खंड अभियंता खंड अभियंता हल्का, पटवारी रेलवे पटवारी द्वारा नए रजिस्ट्री कराने वाले किसानों से लेन-देन कर 8 फरवरी 2024 को स्थल पंचनामा तैयार कर पूर्व में भू-अर्जन प्रस्ताव 2021 में दिया गया था। बाद में उसमें संशोधन करके खसरा क्रमांक 760 स्कवा 0.300 हे. का संपूर्ण रकवा विक्री किया गया एवं टुकड़ों में रजिस्ट्री कराई गई। जिसकी रजिस्ट्री 0.031 हे. की हुई थी। जिसे घटाकर 0.015 हे, कर दिया गया और वर्गफीट में मुआवजा बनानेकी वजह से रेलवे विभाग एवं प्रशासन को 50 लाख से ज्यादा की क्षति पहुंचाई गई है। इसी प्रकार खसरा क्रमांक 559 से जो स्कवा का भू-अर्जन का प्रस्ताव 0.060 है. का दिया गया था वह रेलवे से प्रभावित रकवा न होने के बावजूद भी भू-अर्जन प्रस्ताव में दिए जाने से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया गया। इस संबंध में कई ग्रामीणों एवं मुकेश कुमार लोनिया निवासी पटेहरा द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि खसरा क्रमांक 760 रकवा 0.300 हे. का भूमि स्वामी से विक्रेताओं द्वारा खंड खंड में विक्री कराकर रजिस्ट्री कराई गई थी। जितनी जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है सभी भूमि रेलवे से

Sidhi news:प्रभावित भूमि है। जिसकी रजिस्ट्री कृषि भूमि के आधारित हुई है। रेलवे विभाग द्वारा 2021 में खसरा नंबर 760 के संपूर्ण रकवा 0.300 हे. का भू-अर्जन के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन तत्कालीन हल्का पटवारी पटेहरा एवं रेलवे विभाग के वरिष्ट खंड अभियंता अमन सेठ के द्वारा रकवा को घटाकर एकड़ से वर्गफीट में लाया गया। जिससे जिन पट्टेदारों को संपूर्ण रकवा का मुआवजा कम मिलना था वहीं रकवा घटाने से वर्गफीट के हिसाब से मुआवजा रेलवे विभाग को कई गुना देना पड़ रहा है। बताया जाता है कि खसरा क्रमांक 760 में हल्का तत्कालीन पटवारी अजय पटेल की माता के नाम रजिस्ट्री कराई गई है। ग्रामीणजनों ने बताया कि 760 से रकवा 0.0.31 हे. क्रय किए गए थे। उन सभी पट्टेदारों को पटवारी एवं खंड अभियंता द्वारा बताया गया कि आप लोगों का मुआवजा कृषि लैंड के रेट से मिलेगा जो कि बहुत कम मिलेगा। क्योंकि खसरा क्रमांक 760 का संपूर्ण रकवा भू-अर्जन प्रस्ताव में पूर्व में ही भेज दिया गया है।

इनका क्या कहना है

इस मामले की जानकारी अभी मेरे संज्ञान में आ रही है। इसकी गहन जांच करने के बाद कार्यवाही की जाएगी।

मधुर वर्मा (डीसीएम रेलवे जबलपुर)

12 रजिस्ट्रियों का घटाया गया रकवा

Sidhi news:तहसील रामपुर नैकिन के पटवारी हल्का पटेहरा में खसरा क्रमांक 760 में जो रजिस्ट्री हुई उनमें से खसरा क्रमांक 760/2 में से रकवा 0.031हे. को घटाकर 0.015हे. किया गया जो कि यशोदा वेवा अंजनी प्रसाद पटेल ने रजिस्ट्री कराई थी। वहीं रजिस्ट्री कराने वालों में से सतेन्द्र पिता भागवता प्रसाद लोनिया, अभिषेक पिता प्रदीप कुमार सिंह, आरती पिता कुलदीप सिंह, वर्षा पिता कुलदीप सिंह एवं अजय पिता इंद्रभान सिंह सहित अन्य लोगा शामिल हैं। रेलवे के इस खेल में सबसे ज्यादा हल्का पटवारी अजय पटेल की अहम भूमिका मानी जा रही है। जिनका खसरा क्रमांक 760/2 से लेकर 760/9/4 के सभी रकवों को घटा दिया गया और वहीं रेल विभाग को लाखों की चपत लगाई गई है। बताया गया है कि जो जमीन रेल विभाग को कम पैसे में ज्यादा मिल रही थी वहीं विभागीय कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा जमीन का रकवा घटाकर मुआवजा बढ़ाने के चक्कर में रेल विभाग एवं प्रशासन को चपत लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 8 फरवरी 2024 को जो भू-अर्जन का प्रस्ताव का हवाला दिया गया था उसकी उच्च अधिकारियों द्वारा विधिवत जांच कर भू-अर्जन की कार्यवाही की जाए तो शासन एवं रेलवे को आर्थिक क्षति से बचाया जा सकता है। जिस पर फिलहाल लीपापोती का प्रयास उच्च स्तरीय शुरू करने की जानकारी सामने आ रही है।

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