पाली थाना, कलेक्टर और कमिश्नर से श्रमिकों ने लगाई गुहार
संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में 20 साल काम कराने के बाद श्रमिकों से छलावा
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र बिरसिंहपुर पाली के अधिकारियों पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे है। यहां काम करने वाले श्रमिकों ने पाली थाना, कलेक्टर और कमिश्नर को लिखित शिकायत देकर अधिकारियों और प्रबंधन पर मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि लगभग 20 साल काम करने के बाद न केवल उन्हें बाहर कर दिया गया बल्कि उनका पीएफ और मेहनत की कमाई भी हड़प ली गई।
श्रमिक जितेंद्र कुमार शुक्ला और दुर्गेश नामदेव शिकायत पत्र में बताया कि वे 20 वर्षों से लगातार लोडिंग ऑपरेटर और सुपरवाइजर का कार्य कर रहे थे। वे सीधे तौर पर A/C मोहम्मद सादिक और डी. संजय जोशी के अधीन काम करते रहे। इस दौरान उन्हें नकद भुगतान मिलता था और हर महीने पीएफ भी काटा जाता था। लेकिन आज तक उनके खाते में एक पैसा भी जमा नहीं किया गया।
अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि श्रमिकों के नाम पर काटे गए पीएफ को A/C मोहम्मद सादिक और डी. संजय जोशी की जानकारी और मिलीभगत से फर्जी नामों पर निकाल लिया गया। जब श्रमिकों ने सवाल उठाया तो न केवल उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया बल्कि यह भी कह दिया गया कि तुम्हें कभी गेट पास जारी नहीं किया गया, तुम्हारा कोई रिकॉर्ड हमारे पास नहीं है।
धमकी देकर चुप कराने की कोशिश
श्रमिकों का आरोप है कि जब उन्होंने बार-बार सवाल उठाए तो इन्हीं अधिकारियों की ओर से कहा गया कि अगर वे दोबारा कार्यस्थल पर आए तो सुरक्षा अधिकारी से कहकर झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाएगा। यह श्रमिकों को डराने और उनका शोषण करने की सीधी साजिश है।
टेंडर की आड़
शिकायत में जिन टेंडरों का हवाला दिया गया है, वे साफ दर्शाते हैं कि ठेकेदारी व्यवस्था को ढाल बनाकर श्रमिकों से काम कराया गया और बाद में उन्हें निकाल दिया गया।
अधिकारियों की सफाई
इस मामले पर जब संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के डी. संजय जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वहीं A/C मोहम्मद सादिक ने सफाई देते हुए कहा मुझे अभी 10–15 दिन ही हुए हैं ज्वाइन किए। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि हम कैसे कर रहे थे। मैं तो इन लोगों को जानता भी नहीं हूं।
श्रमिकों की मांग
श्रमिकों ने मांग की है कि उनके पीएफ का भुगतान तत्काल कराया जाए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
साफ है कि संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र का यह मामला केवल प्रबंधन की मनमानी नहीं बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत का नतीजा है। अब जिम्मेदारी प्रशासन और उच्च अधिकारियों की है कि वे इस मामले में सख्त कदम उठाएं या फिर एक बार फिर श्रमिकों की आवाज को दबाकर फाइलों में बंद कर दें।
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