रेत उत्खनन में विभाग की भूमिका संदिग्ध, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष ने उठाए सवाल, पढ़े पूरी खबर
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
उमरिया जिले में रेत उत्खनन को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता दिखाई दे रहा है। भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप पांडे ने खनिज विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिले में बैठे बड़े अधिकारियों से लेकर फील्ड स्तर तक के कर्मचारी अवैध खनन में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश के बावजूद उमरिया में बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन जारी है। पांडे ने सवाल उठाया कि जब जिले में एनजीटी का आदेश लागू है, तब शासकीय निर्माण कार्यों और निजी भवन निर्माण में रेत आखिर कहां से आ रही है। उनका कहना है कि विभाग की मिलीभगत के बिना इस स्तर पर अवैध खनन संभव ही नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रेत ठेकेदार स्वयं अवैध उत्खनन कर रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी इस पर आंख मूंदकर बैठे हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष का कहना है कि खनिज विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई करने की बजाय केवल छोटे-मोटे लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो ग्रामीण या आम लोग अपने निजी निर्माण कार्य के लिए एक-दो टाली रेत ले जाते हैं, उन पर विभाग कार्रवाई करके अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का दावा करता है। वहीं, जिन ठेकेदारों और माफियाओं के जरिए जिले में हजारों घनफुट रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, उन पर विभाग कार्रवाई करने से बचता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिले में सक्रिय रेत माफियाओं से मोटी रकम वसूली जा रही है। यह रकम किन अधिकारियों तक पहुंचती है, इसकी जांच जरूरी है। पांडे ने कहा कि यदि विभाग ईमानदारी से स्टॉक की एक बार बड़ी जांच करा दे, तो सच अपने आप सामने आ जाएगा। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार गांव गरीब किसान हितैषी है, वहीं दूसरी तरफ जिले में धड़ल्ले से रेत की तस्करी कर रहे लोग सरकार के मंसूबों में पानी फेर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अवैध खनन से न केवल शासन को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंच रही है। नदियों का स्वरूप बिगड़ रहा है, गांव-गांव में पानी की किल्लत बढ़ रही है और खेती-किसानी प्रभावित हो रही है। पांडे ने प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो जनता के बीच बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि सभी रेत स्टॉक और ठेकेदारों की कार्यप्रणाली की तत्काल जांच कराई जाए और अवैध उत्खनन में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जब खनिज अधिकारी विद्याकांत तिवारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वही इस संबंध में खानी निरीक्षक प्रभात पट्टा ने कहा, ऐसा नहीं है। जब से हम आए हैं, लगातार कार्रवाई की जा रही है। शासकीय कार्यों में रेत का उपयोग स्टॉक से ही किया जा रहा है। मेरे आने से पहले शासन द्वारा ड्रोन के माध्यम से थर्ड पार्टी सर्वे कराया गया था और उसमें जो भी तथ्य सामने आए, वे सही पाए गए।