सामग्री खरीदी में भ्रष्टाचार की गंध, लोकायुक्त ने थामा सीएमएचओ कार्यालय का रिकॉर्ड
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिले के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं। बुधवार को लोकायुक्त रीवा की टीम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पर दबिश दी। कार्रवाई का कारण है वर्ष 2016, 2017 और 2018 में बहुउपयोगी सामग्री खरीदी की स्वीकृति मिलने के बावजूद खरीदी न किया जाना।
लोकायुक्त निरीक्षक केश राम मरावी ने शिकायत के आधार पर कार्यालय से खरीदी संबंधी दस्तावेज जब्त किए। उनका कहना है कि इन तीन वर्षों में खरीदी के लिए राशि स्वीकृत और एलॉट हुई थी, लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ। सामग्री खरीदी न होने की शिकायत सही पाई गई है, इसी की जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
कार्रवाई की खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों और अधिकारियों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। सूत्र बताते हैं कि लाखों रुपये की राशि बहुउपयोगी सामग्री खरीदी के नाम पर स्वीकृत की गई थी, लेकिन विभाग द्वारा खरीदी का कोई ठोस प्रमाण नहीं दिखाया जा सका। यही कारण है कि मामला अब सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ा माना जा रहा है।
लोकायुक्त टीम द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से यह जांच होगी कि आखिर खरीदी क्यों नहीं की गई, स्वीकृत बजट का उपयोग कहां और किस मद में हुआ। अगर राशि का दुरुपयोग सामने आता है तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
इस कार्रवाई के बाद विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं। लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और अनियमितताओं की शिकायतें मिलती रही हैं। अब लोकायुक्त की यह छापेमारी इस बात का संकेत है कि भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं।
जनता में भी इस कार्रवाई को लेकर नाराजगी है। लोगों का कहना है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए करोड़ों का बजट देती है, लेकिन अगर वही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाए तो उसका सीधा नुकसान गरीब मरीजों को उठाना पड़ता है।
लोकायुक्त की जांच से साफ है कि यह मामला केवल लापरवाही का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि आखिर इस घोटाले में किसका नाम सामने आता है और किस पर गाज गिरती है।