वनपाल ने कुएं में कूदकर जान देने की कोशिश, वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के हरिदिया कैंप में घटी घटना, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सुसाइड मैसेज
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला परिक्षेत्र के हरिदिया कैंप में पदस्थ वनपाल नत्थू लाल दीक्षित ने शुक्रवार देर रात कुएं में कूदकर आत्महत्या की कोशिश की। घटना के बाद साथी कर्मचारियों ने तत्काल उन्हें बाहर निकाला और मानपुर अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
चर्चा है कि घटना से पहले नत्थू लाल दीक्षित ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना और साजिश का आरोप लगाया। वायरल संदेश में उन्होंने लिखा कि ताला परिक्षेत्र के एसडीओ दिलीप कुमार मराठा और आरओ राहुल किरार उन्हें मरवाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राजकुमार यादव और राजकुमार मिश्रा नामक वनकर्मी भी इसमें शामिल हैं। हालांकि E7 लाईव न्यूज़ सोशल मीडिया पर पोस्ट मैसेज की पुष्टि नहीं करता।
अपने संदेश में दीक्षित ने लिखा मैं दोस्तों के हाथों नहीं मरना चाहता, इसलिए अपनी जान खुद दे रहा हूं। यह मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
सूचना मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय, परिक्षेत्र अधिकारी राहुल किरार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जांच शुरू की। पुलिस ने कुएं से वनपाल को निकालने और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों को कब्जे में लिया है।
क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। घायल वनपाल का इलाज जारी है, और उसके बयान के बाद ही पूरे मामले की सच्चाई स्पष्ट हो सकेगी। वहीं, टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज की पुष्टि करने से इंकार किया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नत्थू लाल दीक्षित पिछले कुछ समय से तनाव में थे। बताया जा रहा है कि विभागीय कार्यों को लेकर उनका वरिष्ठ अधिकारियों से मतभेद चल रहा था, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। वनपाल का मोबाइल फोन और अन्य सामान जब्त कर लिया गया है। साथ ही वायरल मैसेज की सत्यता की जांच के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता घायल वनपाल की जान बचाने की है। उसके स्वस्थ होने के बाद बयान दर्ज किया जाएगा, जिससे आगे की कार्रवाई तय होगी।
इस घटना से बांधवगढ़ वन विभाग में हलचल मच गई है। कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई कर्मचारियों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके और विभाग की छवि पर उठे सवालों का समाधान हो सके।